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छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय रजत जयंती समारोह: संविधान का व्याख्याकार और न्याय का प्रहरी बनने की गौरवशाली यात्रा

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की स्थापना का रजत जयंती समारोह महामहिम राज्यपाल रमेन डेका के मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुआ। इस ऐतिहासिक अवसर पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री, न्यायमूर्ति, केंद्रीय मंत्री एवं विधि जगत से जुड़ी हस्तियां उपस्थित रहीं। दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई और अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

राज्यपाल रमेन डेका ने अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय संविधान का व्याख्याकार, नागरिक अधिकारों का संरक्षक और न्याय का प्रहरी बनकर खड़ा है। उन्होंने कहा कि न्याय केवल शक्तिशाली लोगों के लिए नहीं, बल्कि गांव, गरीब और समाज के हर वर्ग के लिए सुलभ होना चाहिए। उन्होंने लोक अदालतों के जरिए लंबित मामलों के त्वरित निराकरण की सराहना की और कहा कि न्यायपालिका ने संवैधानिक नैतिकता, आदिवासी अधिकार, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं।

रजत जयंती समारोह

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कर राज्य सरकार हर हाल में समय पर न्याय दिलाने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने बताया कि बीते दो वर्षों में विधि विभाग का बजट 25 से 29 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलासपुर को नई पहचान दी है और यहीं से कई न्यायमूर्ति उच्चतम न्यायालय तक पहुंचे। उन्होंने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को तकनीकी बदलाव अपनाने और डिजिटल नवाचार जैसे वर्चुअल कोर्ट व लाइव स्ट्रीमिंग की पहल के लिए बधाई दी।

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश जे.के. माहेश्वरी ने कहा कि न्यायपालिका का सर्वोत्तम उद्देश्य आम जनता का विश्वास अर्जित करना है। उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्ष न्यायपालिका की भविष्य की दिशा तय करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे। न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और जनकल्याण की अंतिम पायदान तक पहुंच सुनिश्चित करना ही न्यायपालिका का लक्ष्य होना चाहिए।

कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि यह केवल न्यायपालिका के 25 वर्षों की यात्रा का उत्सव नहीं, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए स्थापित सुदृढ़ परंपरा का सम्मान है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने स्वागत भाषण दिया और कहा कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की 25 साल की गौरवशाली यात्रा ने विधि शासन को सशक्त और पारदर्शी बनाया है। न्यायमूर्ति संजय के अग्रवाल ने कार्यक्रम के अंत में आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री अरुण साव, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, विधि मंत्री गजेन्द्र यादव, पूर्व राज्यपाल रमेश बैस, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, डीजीपी अरुणदेव गौतम सहित देशभर के कई उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति उपस्थित रहे। रजत जयंती समारोह पर तैयार स्मारिका का विमोचन भी किया गया।

इस गौरवशाली अवसर ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की नींव से लेकर आज तक की उपलब्धियों को रेखांकित किया और जनमानस में न्यायपालिका के प्रति आस्था को और मजबूत किया।

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