रूस का सख़्त पलटवार: “अगर तुम हमारे फंड ज़ब्त करोगे, तो हम तुम्हारी संपत्तियां बेच देंगे”

यूरोपीय संघ की उस योजना के जवाब में, जिसके तहत रूस की फ्रीज़ की गई संपत्तियों का इस्तेमाल यूक्रेन को फंड देने में किया जा सकता है, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक कड़ा और दो टूक संदेश भेजा है — “खेल अगर तुम नियम बदलकर खेलोगे, तो हम भी मैदान में उतरेंगे — अपने ही नियमों के साथ।”
रूस ने मंगलवार को एक नया आदेश जारी किया है, जो विदेशी कंपनियों की रूसी संपत्तियों को सीधे राष्ट्रीयकरण कर बेचने का अधिकार देता है। यह कदम संभावित पश्चिमी ‘जवाबी कार्रवाई’ के तौर पर देखा जा रहा है — यानी अगर यूरोप रूस की विदेशों में जमा संपत्तियों को जब्त करता है, तो रूस भी यूरोपीय कंपनियों की संपत्तियां तुरंत नीलाम कर सकता है।
यह आदेश सिर्फ एक आर्थिक रणनीति नहीं है, बल्कि एक भू-राजनीतिक चेतावनी है। डेनमार्क में हो रही EU नेताओं की बैठक में चर्चा हो रही है कि कैसे रूस की लगभग 300 अरब डॉलर की फ्रीज़ की गई संपत्तियों से यूक्रेन को मदद पहुंचाई जाए। लेकिन क्रेमलिन ने यह साफ कर दिया है कि “इस तरह की जब्ती चोरी है” और रूस इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।
इस फैसले से उन सैकड़ों पश्चिमी कंपनियों पर सीधा असर पड़ सकता है जो अब भी रूस में किसी न किसी रूप में सक्रिय हैं — जैसे कि PepsiCo, Mondelez, Raiffeisen Bank, और अन्य।
नए डिक्री के तहत अब
मूल्यांकन प्रक्रिया केवल 10 दिनों में पूरी की जाएगी,
संपत्ति की बिक्री में तेजी लाई जाएगी,
और प्रमस्व्याजबैंक जैसे सरकारी संस्थान इस प्रक्रिया का संचालन करेंगे।
रूस बनाम पश्चिम की यह जंग अब सिर्फ युद्धभूमि तक सीमित नहीं है — यह अब निवेश, संपत्ति, बैंकिंग और आर्थिक प्रभुत्व की लड़ाई में तब्दील हो गई है।