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धमतरी में फसल चक्र परिवर्तन अभियान को नई रफ्तार, किसानों को कम जल वाली फसलों की ओर प्रोत्साहन

रायपुर। किसानों की आय बढ़ाने और खेती की लागत घटाने के लिए धमतरी जिले में फसल चक्र परिवर्तन अभियान को गति दी जा रही है। भूमि और जल संरक्षण के साथ किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने कृषि विभाग सहित संबंधित विभागों के समन्वय से पहल शुरू की है। किसानों को ग्रीष्मकालीन धान की जगह दलहनी, तिलहनी, लघु धान्य और मक्का जैसी कम पानी वाली फसलें बोने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

जिले में करीब 1 लाख 58 हजार से अधिक किसान हैं, जिनकी सिंचाई का मुख्य स्रोत नहरें और लगभग 30 हजार नलकूप हैं। लगातार गिरते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने जल संरक्षण और फसल विविधीकरण पर फोकस किया है। इसके तहत हर विकासखंड के 10 गांवों को ‘फसल चक्र परिवर्तन’ मॉडल गांव बनाया जाएगा।

धान छोड़कर अन्य फसलों को अपनाने वाले किसानों को सम्मान और प्रोत्साहन देने की तैयारी है। ग्राम पंचायतों से प्रस्ताव पारित कर अभियान को औपचारिक रूप दिया जा रहा है। कृषि विभाग गांव-गांव में जागरूकता शिविर, ऋण एवं बीज वितरण कार्यक्रम आयोजित करेगा।

किसानों की सुविधा के लिए 39 प्राथमिक साख सहकारी समितियों में बीज भंडारण की व्यवस्था की गई है। इनमें गेहूं, चना, तिवड़ा और सरसों के पर्याप्त बीज उपलब्ध हैं। प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे अपने नजदीकी समितियों या कृषि अधिकारियों से संपर्क कर फसल परिवर्तन अपनाएं और जल संरक्षण के साथ समृद्धि की राह पर कदम बढ़ाएं।

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