
गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में गड़बड़ियों का जमावड़ा लगा हुआ है यहां नियम विरुद्ध तरीक से बिना विज्ञापन जारी किए 100 असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के पदों की नियुक्तियों का मामला सामने आ रहा है. लॉ डिपार्टमेंट में तीन पदों के लिए आज बुधवार को इंटरव्यू रखा गया है. वहीं एजुकेशन डिपार्टमेंट में दो पदों के लिए 26, 27 जुलाई को और बायो टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट में 1 पद के लिए 2 अगस्त को नियमों को तांक पर रखकर इंटरव्यू प्रक्रिया जारी है. केंद्रीय विश्वविद्यालय के शिक्षक प्रबंधन की कार्यशैली से बेहद खफा हैं लेकिन कोई कुछ भी बोलने से कतरा रहा है.



विश्वविद्यालय में इसके पहले भी चुपचाप तरीक़े से अंग्रेज़ी विभाग कॉमर्स और अर्थशास्त्र में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की गई हैं. गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में सौ से ज़्यादा अध्यापक और प्राध्यापकों के पद खाली हैं. वहीं असिस्टेंट प्रोफ़ेसर की नियुक्ति की जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट में भी नहीं हैं. यहां लेन-देन का खेल आपसी मिली भगत और चहेतों के हितों का ख्याल रखते हुए जारी है. नाम नहीं छापने की शर्त पर कुछ शिक्षकों ने यहां तक कहा कि नई भर्ती में भी पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है.
छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष नीतेश साहू ने विश्वविद्यालय प्रबंधन की इस लापरवाही आरोप लगाते हुए कि साक्षात्कार के लिए बुलाए गए अभ्यार्थियों की सूची वेबसाइट पर अपलोड नहीं हैं.साक्षात्कार की तिथियों का विवरण वेबसाइट या किसी मीडिया मे उपलब्ध नहीं हैं. कुलपति ने विश्वविद्यालय के चार वर्षों के कार्यकाल में सहायक प्राध्यापक एवं एसोसिएट प्रोफेसर जो कैश प्रमोशन के योग्य हैं उन्हें भी प्रमोशन न देकर उनके मनोबल को कमजोर किया है.मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने गेस्ट फैकल्टी के लिए पचास हजार रूपए सैलरी निर्धारित की है उसकी अवहेलना करते हुए पच्चीस हजार रूपये मासिक वेतन भी फैकल्टी को दिया जा रहा हैं. विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलसचिव का दायित्व संभाल रहे व्यक्ति पर सीबीआई जांच चल रहा हैं वे कुलपति के विश्वास पात्र बने हुए हैं.