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छत्तीसगढ़ में ग्रीन स्टील और माइनिंग को लेकर नई औद्योगिक नीति पर ज़ोर, मंत्री देवांगन ने किया संबोधित

रायपुर। सीआईआई (Confederation of Indian Industry) द्वारा आयोजित “ग्रीन स्टील एवं माइनिंग समिट 2025” में छत्तीसगढ़ के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने हिस्सा लिया। देशभर से आए उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 1 नवंबर 2024 से नई “औद्योगिक विकास नीति 2024-30” लागू की है, जिसका लक्ष्य हर सेक्टर में निवेश को प्रोत्साहित करना है।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज, विद्युत और प्राकृतिक संसाधनों में अग्रणी है, जिससे यह उद्योगों के लिए आकर्षक गंतव्य बन चुका है। मंत्री देवांगन ने पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ज़ोर देते हुए कहा कि पारंपरिक स्टील उत्पादन में भारी मात्रा में कार्बन उत्सर्जन होता है, जो जलवायु के लिए नुकसानदायक है। इसलिए ग्रीन स्टील की दिशा में कदम उठाना समय की मांग है।

नई औद्योगिक नीति के अंतर्गत ग्रीन उद्यम को बढ़ावा देने के लिए पर्यावरणीय प्रोजेक्ट अनुदान, जल और ऊर्जा दक्षता (एनर्जी ऑडिट) की लागत की प्रतिपूर्ति, और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनाएँ लागू की गई हैं।

स्टील उद्योगों को आयरन ओर और कोयला रॉयल्टी में भारी छूट के साथ-साथ सेस की 150% तक प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, नीति में SGST प्रतिपूर्ति, बिजली शुल्क छूट, स्टांप ड्यूटी छूट, पंजीयन और डायवर्जन शुल्क की प्रतिपूर्ति, रोजगार व्यय अनुदान, EPF प्रतिपूर्ति और प्रशिक्षण व्यय प्रतिपूर्ति जैसी सुविधाएँ भी शामिल हैं।

विशेष रूप से, 1000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने या 1000 से ज्यादा लोगों को रोजगार देने वाले उद्यमों के लिए बी-स्पोक योजना की सुविधा भी प्रदान की गई है।

समिट में उद्योग सचिव रजत कुमार, सीआईआई ईस्टर्न रीजन के चेयरमैन शास्वत गोयंका, उद्योगपति सिद्धार्थ अग्रवाल सहित कई दिग्गज मौजूद रहे।

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