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रायगढ़ में कला और संस्कृति का उत्सव: महाराजा चक्रधर सिंह की विरासत को नई उड़ान

रायगढ़ । रायगढ़ में सम्पन्न हुए भव्य चक्रधर समारोह के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपनी बात रखी और कहा कि महाराजा चक्रधर सिंह ने संगीत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रतिष्ठित किया। उन्होंने रायगढ़ की कला-प्रेमी जनता की प्रशंसा करते हुए इस क्षेत्र में कला एवं संगीत महाविद्यालय के जल्द शुरू होने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस महाविद्यालय के लिए बजट एवं स्थान का चयन कर लिया गया है और कुछ ही महीनों में यह स्थापना पूरी हो जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले 20 महीनों में कई योजनाएँ लागू कर जनता के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है। महिलाओं के लिए ‘महतारी वंदन योजना’ के तहत हर महीने 1000 रुपये सीधे उनके खाते में जमा किए जा रहे हैं, जिससे लगभग 70 लाख महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं।

सरकार की नई उद्योग नीति ने राज्य में बड़े निवेश और रोजगार के अवसर पैदा किए हैं। मुख्यमंत्री ने राजिम कुंभ को भव्य स्वरूप देने और युवाओं के लिए रोजगार सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया।

समारोह में प्रमुख आकर्षण रहे पद्मश्री गायक कैलाश खेर के गीत, जिन्होंने दर्शकों का मन मोह लिया। साथ ही डाक विभाग द्वारा महाराजा चक्रधर सिंह पर जारी विशेष आवरण का विमोचन भी किया गया। मंच पर कथक नृत्य की प्रस्तुति देने वाली पद्मश्री नलिनी और उनकी टीम का भी सम्मान हुआ।

उपमुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति की महत्ता को रेखांकित किया, जबकि वित्त मंत्री ने रायगढ़ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रशिक्षण केंद्र के शुभारंभ और शिक्षा के नए अवसरों पर प्रकाश डाला।

राज्यसभा सांसद ने महाराजा चक्रधर सिंह के संगीत क्षेत्र में योगदान को याद करते हुए उनके योगदान को सलाम किया। समारोह में कई वरिष्ठ जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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