रायपुर : प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के शुभअवसर पर चैत्र नवरात्र 18 मार्च से प्रारंभ हो रहा है। प्रतिपदा तिथि होने के कारण 18 की तिथि हिन्दुओं के लिए विशेष महत्व रखती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार ब्रम्हा ने इसी दिन सृष्टि की रचना आरंभ की थी। हिन्दू नववर्ष 2075 का शुभारंभ भी 18 मार्च से ही प्रारंभ हो रहा है। चैत्र नवरात्रि के अवसर पर राजधानी सहित प्रदेश के सभी माता देवालयों में मां का विशेष श्रृंगार किया गया है। प्रदेश के प्राचीनतम मंदिरों में महामाया मंदिर रायपुर, रतनपुर, अंबिकापुर, कंकाली माता मंदिर कंकाली पारा, काली मंदिर आकाशवाणी रायपुरा, मरहीमाता मंदिर, धूमावती मंदिर, दंतेवश्वरी माता मंदिर रायपुर, जगदलपुर दंतेवाड़ा, शीतला मंदिर पुरानी बस्ती आमापारा, मां बम्लेश्वरी मंदिर डोंगरगढ़ मां चंद्रहासिनी मंदिर चंद्रपुर, मां समलेश्वरी मंदिर सारंगढ़ सहित हमारे 27 जिलों के संवाददाताओं से मिली जानकारी के अनुसार पूरे प्रदेश में माता का उत्सव धूम-धाम से श्रध्दालुओं द्वारा मनाये जाने की जानकारी मिली है। रायपुर में जंवारा पूजा, जोत कलश आदि की स्थापना निर्धारित मूर्हूत में किये जाने की जानकारी मंदिर के पुजारियों व्दारा दी गई है। नवरात्रि के शुभअवसर पर अष्टमी-नवमीं हवन 24 एवं 25 मार्च को विभिन्न मंदिरों में आयोजित किया गया है। 25 मार्च को 27 जिला मुख्यालयों में तहसील मुख्यालयों में एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रामनवमीं उत्सव धूम-धाम से मनाने की तैयारियां भक्तों द्वारा की जा रही है।
रायपुर, बिलासपुर एवं दुर्ग संभाग में आयुक्तों एवं जिलाधीशों द्वारा पदयात्रियों के लिए इस वर्ष पद यात्रा के दौरान विशेष प्रबंध किये गये है। ज्ञातव्य है कि प्रतिवर्ष पदयात्रियों की बड़ी संख्या डोंगरगढ़ एवं रतनपुर सहित अन्य स्थानों में स्थित माता देवालयों में मां के दर्शन के लिए जाती है। स्वयंसेवी संगठनों द्वारा पदयात्रियों के लिए इस वर्ष भी पंडाल एवं भण्डारे का आयोजन किया जा रहा है। कुम्हारी चरौदा, पॉवर हाउस न्यू खुर्सीपार, अंजोरा, सोमनी, राजनांदगांव, तुम्ड़ीबोर्ड, बसंतपुर, मोतीपुर, सुकुलवाही, लिटिया सहित पद यात्रा क्षेत्र में पडऩे वाले ग्रामों में वहां के ग्रामीणों व्दारा आराम की व्यवस्था के साथ भण्डारा एवं प्राथमिक उपचार की सुविधा चिकित्सा दल के साथ आज रात से ही उपलब्ध रहेंगी। पंडाल लगने का कार्य अंतिम चरणों में है। अधिकांश स्थानों पर आज रात एवं कल पंडाल लग जायेंगे। साथ ही पदयात्रियों के लिए एवं उपवासी भक्तों के लिए भण्डारे एवं फलाहार चाय दूध आदि का इंतजाम करने की तैयारियां कर ली गई है।