आईआईटी भिलाई फेस-2 परियोजना का शिलान्यास: 2257 करोड़ की स्वीकृति, शिक्षा और नवाचार को मिलेगा नया आयाम

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ओडिशा के झारसुगुड़ा में आयोजित समारोह में देश के आठ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में अधोसंरचना विकास कार्यों का वर्चुअल शिलान्यास किया। इस सूची में आईआईटी भिलाई की फेस-2 परियोजना भी शामिल रही। अन्य संस्थानों में आईआईटी पटना, आईआईटी इंदौर, आईआईटी जोधपुर, आईआईटी तिरुपति, आईआईटी पलक्कड़, आईआईटी धारवाड़ और आईआईटी जम्मू शामिल हैं।
इस अवसर का सीधा प्रसारण आईआईटी भिलाई परिसर के नालंदा व्याख्यान कक्ष में किया गया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार मंत्री गुरु खुशवंत साहेब और अहिवारा विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा भी उपस्थित रहे। मंत्री साहेब ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा आठ आईआईटी परियोजनाओं का एक साथ शिलान्यास होना पूरे देश और छत्तीसगढ़ के लिए गौरव की बात है। इससे प्रदेश में तकनीकी शिक्षा का विस्तार होगा और शोध व नवाचार को नई दिशा मिलेगी।
फेस-2 परियोजना की विशेषताएँ
भारत सरकार ने 29 मई 2025 को आईआईटी भिलाई के फेस-2 के लिए 2257.55 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी। इसमें 1092 करोड़ रुपये का उपयोग परिसर निर्माण के लिए किया जाएगा। फेस-2 के विकास में 1,51,343 वर्ग मीटर अतिरिक्त क्षेत्र जोड़ा जाएगा, जिसमें इंजीनियरिंग और विज्ञान विभाग, अत्याधुनिक प्रयोगशालाएँ, आईसीटी सक्षम व्याख्यान कक्ष, और प्रोटोटाइप सुविधाएँ शामिल होंगी।
छात्र संख्या वर्तमान 1500 से बढ़कर 3000 तक पहुंच जाएगी। परियोजना के तहत आधुनिक छात्रावास, मेस हॉल, खेल परिसर, ओपन एयर थिएटर, कैंटीन, खेल मैदान, टेनिस कोर्ट, आवासीय भवन, स्वास्थ्य केंद्र और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स भी शामिल होंगे। इस परियोजना की सबसे खास पहल होगी छत्तीसगढ़ का पहला अनुसंधान पार्क, जिसकी लागत 96 करोड़ रुपये होगी। इसे अक्टूबर 2028 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
आईआईटी भिलाई की उपलब्धियाँ
आईआईटी भिलाई की स्थापना 2016 में हुई थी। फेस-1 के तहत 1090.17 करोड़ की लागत से 1,34,450 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाला पर्यावरण-संवेदनशील और आधुनिक परिसर विकसित हुआ था, जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री ने 20 फरवरी 2024 को किया। इस परिसर को जीआरआईएचए एलडी रेटिंग और एनएससीआई सुरक्षा पुरस्कार जैसी मान्यताएँ प्राप्त हुईं।
संस्थान वर्तमान में 185 करोड़ रुपये की 300 से अधिक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं का नेतृत्व कर रहा है और अब तक 30 से अधिक पेटेंट दर्ज किए जा चुके हैं। आईआईटी भिलाई में आईबीआईटीएफ फाउंडेशन स्थापित है, जिसे हाल ही में वित्तीय क्षेत्र में नवाचार हेतु श्रेणी-ए हब का दर्जा मिला। विद्या समीक्षा केंद्र जैसी पहल के माध्यम से राज्यभर में वास्तविक समय शिक्षा निगरानी संभव हो पाई है, जिससे 40 करोड़ रुपये की बचत और 60 लाख पाठ्यपुस्तकों का सटीक वितरण हुआ।
आईआईटी भिलाई ने जनजातीय समुदायों के उत्थान के लिए 54 विकास परियोजनाएँ भी शुरू की हैं, जिन पर 19 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं। यह पहल छत्तीसगढ़ की सामाजिक-आर्थिक संरचना को मजबूत बना रही है।
भविष्य की दिशा
वर्तमान में 1525 छात्र यहां बी.टेक, एम.टेक, एम.एससी. और पीएच.डी. कार्यक्रमों में अध्ययनरत हैं। फेस-2 पूर्ण होने पर यह संख्या 3000 हो जाएगी। इससे आईआईटी भिलाई शोध, उद्योग सहयोग और तकनीकी विकास का अग्रणी केंद्र बनकर उभरेगा। इस अवसर पर संकाय सदस्य, प्राध्यापक, शोधार्थी और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।


