गंजबासौदा-ग्यारसपुर विस सीट: भाजपा को कौन सा कांग्रेसी प्रत्याशी दे सकता है कड़ी टक्कर, वोटिंग कर बताएं
पिछले तीन चुनावों से एक ही परिवार पर आलाकमान रहा है मेहरबान
धीरेंद्र सिंह सिकरवार की कलम से – मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं भाजपा ने अपने 39 विधायक उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी है हालांकि इसमें गंज बासौदा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार का नाम अभी नहीं आया है क्योंकि विदिशा जिले की इस हाई प्रोफाइल सीट पर दावेदारों की संख्या को देखते हुए बीजेपी की प्रत्याशी चयन प्रक्रिया अंतिम चरण तक पहुंच ही जाती है।
अंतिम समय में घोषित हुआ था लीना जैन का नाम
विगत 2018 के चुनाव में तमाम अटकलो के बाद श्रीमती लीना संजय जैन का नाम भी बिल्कुल अंतिम समय मै घोषित हुआ था परंतु आज हमारी नजर कांग्रेस के विधानसभा प्रत्याशी चयन और उससे जुड़े विश्लेषण पर है बासौदा ग्यारसपुर विधानसभा ने वैसे तो कांग्रेस और बीजेपी को बराबर के मौके दिए हैं परंतु 2003 से पिछले चार चुनावों में कांग्रेस इस सीट पर एक ही बार जीत दर्ज कर पाई है शेष तीन बार जनता ने बीजेपी पर अपना भरोसा बनाए रखा है ।
पहले मामा फिर भांजे ने लड़ा चुनाव
साल 2008 से लगातार एक ही परिवार के सदस्य कांग्रेस पार्टी के टिकट पर इस विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं जहां 2008 में निशंक जैन के मामा कंछेदी लाल जैन को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया जिन्हें भाजपा के हरि सिंह रघुवंशी ने17717 मतों के भारी अंतर से हराया था और तीसरे नंबर पर 14028 मत प्राप्त कर जनशक्ति के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हरि सिंह राजपूत रहे थे । पुनः 2013 में कांग्रेस ने यहां से निशंक जैन को प्रत्याशी बनाया और इस बार भांजे ने मामा की हार का बदला लेते हुए लगातार दो बार से विधायक भाजपा के हरि सिंह रघुवंशी को16159 मतो के अंतर से हरा दिया 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर निशंक जैन को ही अपना प्रत्याशी दोहराया और भाजपा ने आखिरी समय में महिला प्रत्याशी लीना जैन को मैदान में उतार दिया जिनके हाथों कांग्रेस प्रत्याशी निशंक जैन को 10226 मतो से हार का मुंह देखना पड़ा ।
इस बार क्या होगा ?
अब एक बार फिर 2023 के आखिरी में होने वाले विधानसभा चुनाव के राजनीतिक गलियारों में कांग्रेस के प्रबल दावेदारों में निशंक जैन का नाम लगभग निश्चित माना जा रहा है वर्तमान समीकरणों और चर्चाओं को देखते हुए कांग्रेस की राह इस बार भी आसान नही है क्योंकि माना जा रहा है की लगातार एक ही तरह की उम्मीदवारी और 2018 में बनी कांग्रेस सरकार के 18 महीने के कार्यकाल में पुराने असंतुष्ट कार्यकर्ताओं की लिस्ट लंबी है जिन्हें मनाना कांग्रेश के लिए बड़ी चुनौती है ।
संतोष शर्मा और प्रह्ललाद रघुंशी भी प्रबल दावेदार
वही इस बार कांग्रेस से प्रत्याशी चयन मे निशंक जैन को चुनौती मिलने की संभावना लंबे समय से कांग्रेस से अपनी उम्मीदवारी का इंतजार कर रहे प्रहलाद सिंह रघुवंशी और विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय युवा और धार्मिक नेता की छवि बना चुके संतोष शर्मा से है अब देखना दिलचस्प होगा आने वाले चुनाव में कांग्रेस अपना प्रत्याशी बदलती है या पुनः एक बार फिर पिछले चुनाव के प्रत्याशी को ही अपना उम्मीदवार बनाए रखती है चर्चा है पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से नजदीकियों के चलते निशंक जैन के टिकट कटने की संभावना कम ही है ।
आनलाइन वोटिंग में हिस्सा और रिजल्ट जानने के लिए यहां क्लिक करें
गंजबासौदा-ग्यारसपुर विधानसभा ऑनलाइन वोटिंग