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सोने की तस्करी का ‘गोल्डन रूट’: दुबई से छत्तीसगढ़ तक बिछी थी करोड़ों की काली चेन

रायपुर। छत्तीसगढ़ की धरती पर करोड़ों की चमक बिखेरने वाला एक काला कारोबार अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) की गिरफ्त में है। दुबई से शुरू हुआ यह तस्करी चक्र बांग्लादेश, म्यांमार होते हुए नॉर्थ ईस्ट की सीमाओं से गुजरकर राजनांदगांव तक आता था — और यहीं से रायपुर, नागपुर, मुंबई जैसे शहरों में बिखरता था ‘काले सोने’ का जाल।
ED ने इस हाई-प्रोफाइल केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए दो कुख्यात तस्करों — सचिन केदार और पुरुषोत्तम कवले — की 3 करोड़ 76 लाख रुपये की संपत्ति अटैच कर ली है। इनमें बैंक बैलेंस, फ्लैट्स और कीमती जमीनें शामिल हैं। यह कार्रवाई PMLA एक्ट 2002 के तहत की गई।

260 करोड़ का सोना-चांदी देश में उतारा गया

ED की जांच में सामने आया है कि यह गोल्ड सिंडिकेट अब तक 260 करोड़ 97 लाख रुपए का अवैध सोना-चांदी भारत में खपा चुका है। इसमें से अब तक 64 करोड़ 14 लाख रुपए की संपत्तियां जब्त/अटैच की जा चुकी हैं। इस काले खेल में नामचीन ज्वेलर्स भी शामिल हैं — सहेली ज्वेलर्स, नवकार ज्वेलर्स, सुमीत ज्वेलर्स, सागर ज्वेलर्स और धीरज बैद — जो सीधे तस्करों से विदेशी सोना खरीदते थे।

छापे में हुआ बड़ा खुलासा
DRI ने इस सिंडिकेट का पर्दाफाश 1 मई 2021 को किया, जब राजनांदगांव में जसराज शांतिलाल बैद के घर पर छापा मारा गया। पूछताछ में इसका मास्टरमाइंड निकला — विजय बैद उर्फ विक्की, जो दुबई से भारत तक तस्करी की पूरी चेन का संचालन करता था।

तस्करी का नेटवर्क इतना मजबूत था कि दुबई से सोना पहले म्यांमार या बांग्लादेश भेजा जाता, फिर नॉर्थ ईस्ट राज्यों से होते हुए कैरियर (तस्कर) ट्रेन, फ्लाइट और सड़क मार्ग से इसे छत्तीसगढ़ लाते।

सचिन केदार: नेटवर्क का मजबूत कड़ी

ED के अनुसार, सचिन केदार नेटवर्क का एक सक्रिय सदस्य था, जो कोलकाता से रायपुर, नागपुर और मुंबई तक तस्करी का सोना पहुंचाता था। यह सोना बाद में जानी-मानी ज्वेलरी दुकानों को बेचा जाता था।

छत्तीसगढ़ बना ‘गोल्ड कॉरिडोर’

DRI के आंकड़े बताते हैं कि पिछले 8 वर्षों में राज्य में 50 करोड़ रुपए से अधिक का सोना-चांदी जब्त किया जा चुका है। हैरानी की बात यह है कि तस्कर छत्तीसगढ़ को महज एक कॉरिडोर की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं — न केवल बिक्री के लिए, बल्कि महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों में सप्लाई के लिए भी।

रायपुर में DRI का ज़ोनल ऑफिस खुलने के बाद अब तक 25 से अधिक तस्करों पर कार्रवाई हो चुकी है।

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