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राज्यपाल रमेक डेका ने निजी विश्वविद्यालयों को दी सख्त चेतावनी

रायपुर। राज्य के निजी विश्वविद्यालयों को अब अपनी कार्यशैली पर गंभीर मंथन करना होगा। गुरुवार को प्रदेश के राज्यपाल रमेक डेका ने निजी विवि के कुलपतियों को तलब कर दो टूक कहा—अगर गुणवत्ता नहीं सुधरी, तो संस्थानों को बंद करने में संकोच नहीं किया जाएगा।

बैठक में राज्यपाल ने स्पष्ट कहा कि कई निजी विश्वविद्यालय केवल डिग्री वितरित करने वाले केंद्र बनकर रह गए हैं। यह रवैया शिक्षा की आत्मा के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के मानकों का सख्ती से पालन करना होगा और राज्य की प्राथमिकताओं को अपनी नीतियों में शामिल करना अनिवार्य होगा।

शिक्षक हों स्थायी और योग्य

राज्यपाल ने कहा कि हर पाठ्यक्रम में स्थाई और योग्य शिक्षक नियुक्त करना अनिवार्य होगा। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो संबंधित पाठ्यक्रम को बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि छात्र संख्या के अनुसार पर्याप्त फैकल्टी होना आवश्यक है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।

NAAC ग्रेडिंग और स्थानीय जरूरतों पर जोर

राज्यपाल ने कहा कि जो विश्वविद्यालय नैक ग्रेडिंग के लिए पात्र हैं, उन्हें इस प्रक्रिया में शामिल होना ही होगा। इसके अलावा, उन्होंने विश्वविद्यालयों को राज्य की स्थानीय जरूरतों से जुड़ने का भी आदेश दिया—चाहे वो स्टार्टअप्स हों, नवाचार हों या ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के नए प्रयोग।

राज्यपाल का “टास्क लिस्ट” निजी विश्वविद्यालयों के लिए बैठक में राज्यपाल ने निजी विश्वविद्यालयों को कुछ खास कार्य भी सौंपे, जिन्हें प्राथमिकता से पूरा करने का निर्देश दिया गया:

छात्रों की शिकायतों पर शीघ्र कार्रवाई

स्थानीय जरूरतों पर आधारित स्टार्टअप की पहल

आकांक्षी जिलों के गांवों में नवाचार को बढ़ावा

विश्वविद्यालय परिसरों में सौर ऊर्जा प्रणाली लगाना

डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना

नियमित एलुमिनी मीट का आयोजन

“एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत पौधरोपण

बैठक में निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के चेयरमैन डॉ. विजय कुमार गोयल, राज्यपाल के सचिव डॉ. सीआर प्रसन्ना और उच्च शिक्षा आयुक्त संतोष देवांगन भी उपस्थित थे।

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