जनसांख्यिकीय बदलाव पर हिमंता का बड़ा दावा: 10% और बढ़ी आबादी तो असम खुद बांग्लादेश में शामिल हो जाएगा

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने अवैध प्रवासन को लेकर एक बार फिर गंभीर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर बांग्लादेशी मूल की आबादी असम में मौजूदा स्तर से 10 प्रतिशत और बढ़ती है, तो राज्य का भविष्य खुद-ब-खुद पड़ोसी देश से जुड़ने जैसा हो सकता है।
गुवाहाटी में एक कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में सरमा ने बताया कि वह पिछले पांच वर्षों से अनियंत्रित माइग्रेशन को लेकर लगातार आगाह करते रहे हैं। उनके मुताबिक, असम की लगभग 40 प्रतिशत आबादी बांग्लादेशी मूल की मानी जाती है, और इसमें और वृद्धि राज्य की पहचान के लिए बड़ा खतरा बन सकती है।
यह बयान उन्होंने बांग्लादेश के एक नेता की उस कथित टिप्पणी के जवाब में दिया, जिसमें भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को ढाका में विलय करने जैसी बात कही गई थी। सरमा ने कहा कि पूर्वोत्तर की भौगोलिक संवेदनशीलता को हल्के में नहीं लिया जा सकता।
मुख्यमंत्री ने मुस्लिम आबादी में तेजी से हो रही वृद्धि पर भी चिंता जताई। उन्होंने दावा किया कि अगर यह आबादी 50 प्रतिशत के पार जाती है, तो असम के अन्य समुदायों का अस्तित्व संकट में पड़ सकता है। सरमा के अनुसार, दशकों से चले आ रहे अवैध प्रवासन ने राज्य की मूल संस्कृति और पहचान को खतरे में डाल दिया है।




