“एसआईआर” के खिलाफ INDIA ब्लॉक का मार्च, राहुल-प्रियंका समेत कई नेता हिरासत में, सड़क पर बैठे अखिलेश

लोकतंत्र की आवाज़ बुलंद करने निकले INDIA गठबंधन के नेताओं का संसद से चुनाव आयोग तक का मार्च दिल्ली की सड़कों पर थम गया, जब पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोक लिया। मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों और एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) के खिलाफ निकाले जा रहे इस मार्च में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत, पत्रकार सागरिका घोष और अन्य को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
राष्ट्रगान के साथ मार्च की शुरुआत
प्रदर्शन की शुरुआत संसद भवन के मकर द्वार से हुई, जहां नेताओं ने राष्ट्रगान गाकर मार्च को आरंभ किया। इस प्रतीकात्मक शुरुआत में विपक्ष की एकजुटता साफ नज़र आई। मार्च में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, शरद पवार, अखिलेश यादव, टीएमसी के डेरेक ओब्रायन, डीएमके के टीआर बालू, राजद और वामपंथी दलों के कई नेता शामिल हुए।
पुलिस ने रोका, नेताओं ने नहीं मानी रोक
मार्च जैसे ही संसद मार्ग पर स्थित परिवहन भवन के पास पहुँचा, पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोक दिया। लाउडस्पीकर के जरिए घोषणा की गई कि इस मार्च के लिए कोई पूर्व अनुमति नहीं ली गई है, इसलिए उन्हें आगे बढ़ने की इजाज़त नहीं दी जा सकती।
धरना और गिरफ्तारी का दौर
पुलिस की रोक के बाद स्थिति और गर्मा गई। अखिलेश यादव बैरिकेड कूदकर बीच सड़क पर धरने पर बैठ गए। उनके साथ अन्य सांसदों ने भी वहीं डेरा डाल दिया। महुआ मोइत्रा, सुष्मिता देव, संजना जाटव और ज्योतिमणि जैसे नेता बैरिकेड्स पर चढ़कर नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शनकारियों के हाथों में “SIR वापस लो”, “वोट चोरी बंद करो” जैसे नारे लिखे बैनर थे। कई सांसद सफेद टोपी में दिखे, जिन पर लाल क्रॉस के साथ विरोध के संदेश दर्ज थे।
प्रियंका गांधी का आरोप: “सरकार डरपोक है”
हिरासत में लिए जाने से पहले प्रियंका गांधी ने मीडिया से कहा, “ये डरे हुए हैं। सरकार कायर है। हम लोकतंत्र बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।”
पृष्ठभूमि: क्या है SIR विवाद?
यह मार्च बिहार सहित कुछ राज्यों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और 2024 लोकसभा चुनावों के दौरान कथित “वोटर फ्रॉड” के आरोपों के खिलाफ था। विपक्ष का दावा है कि चुनावी प्रक्रिया में छेड़छाड़ हो रही है, और आम नागरिकों के वोटों से खिलवाड़ किया जा रहा है।