जगदलपुर : भांसी और कामालूर स्टेशन के मध्य पिछले सप्ताह नक्सलियों ने पटरी उखाडक़र रेल गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त किया था। इससे रेलवे को करीब 200 करोड़ रूपये की क्षति हुई है और अभी भी क्षति के पूरे आंकड़े पूर्ण नहीं हो पाये हैं। रेलवे अधिकारियों के अनुसार इस नक्सली घटना में रेलवे को 200 करोड़ रूपये से भी अधिक की चपेट पड़ी है
और इस दुर्घटना में अकेले इंजन की कीमत करीब 70 से 75 की लाख की ही है। अभी रेलवे सूत्रों के अनुसार संपूर्ण क्षति के आंकलन के लिए विशाखापट्टनम के लिये विशेषज्ञों की टीम आने के बाद ही वास्तविक क्षति का आकलन होगा। उल्लेखनीय है कि गत सप्ताह रविवार की रात्रि को नक्सलियों ने केके रेल लाईन पर स्थित कामालूर और भांसी स्टेशनों के मध्य रेल पटरी उखाड़ ली थी।
इसके कारण अयस्क लेकर आ रही मालगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होकर तीन इंजिनों के साथ 22 बोगियों को लेकर नीचे गिर गई थी। यह भी इस संबंध में विशेष तथ्य है कि इस दुर्घटना में एक वैगन तो पुल में ही फंसा रहकर लटका रहा। इसके साथ ही रेलवे पुल को भी खासा नुकसान हुआ। इस रेले लाईन के मरम्मत कार्य को युद्ध स्तर पर रेलवे इंजीनियरों सहित मजदूरों ने तीन दिन में पूर्णता प्रदान की और अभी इस लाईन पर आवागमन पुन: शुरू हो पाया।
इस संबंध में रेल अधिकारियों का कहना है कि इस मार्ग पर सावधानी के नाते बहुत ही धीमी गति से अर्थात 10 किमी प्रतिघंण्टे की गति से ही रेल दौड़ेगी। इसके बाद सर्तकता के नाते संपूर्ण परिस्थिति पर विचार करते हुए आगे की सुरक्षात्मक रणनीति बनाई जायेगी।
2 ) जगदलपुर : नक्सली दमन विरोधी सप्ताह में धीरे चल रही रेलगाडिय़ां
जगदलपुर : गत सप्ताह किरंदुल से जगदलपुर के बीच में भांसी और कामालूर स्टेशन के मध्य रेल लाईन उखाडक़र मालगाड़ी को दुर्घटनाग्रस्त करने की घटना के बाद इको रेलवे ने अब इस लाईन पर जगदलपुर तक सीमित या धीमी गति से ट्रेनों को चलाने का निर्देश दिया है। इसके अंतर्गत अब मात्र 30 किमी प्रति घंटा की गति से टे्रने चलाई जायेगी। इस संबंध में उल्लेखनीय है कि नक्सलियों ने आर्थिक नाकेबंदी की चेतावनी तथा दमन विरोधी सप्ताह मनाने की घोषणा की है।
जिसके अंतर्गत रेलवे द्वारा यह कदम उठाया गया है। इस संबंध में दुर्घटनाग्रस्त रेल लाईन को सुधार करते हुए इसे यातायात के लिये खोल दिया गया है। इस संबंध में रेलवे सूत्रों के अनुसार जिस स्थान पर नक्सलियों ने इस घटना को परिणित किया। उस स्थान पर और धीमी गति से 10 किमी की रफ्तार से ट्रेने चलाई जायेगी। आगामी 2 जुलाई तक नक्सलियों का दमन विरोधी सप्ताह समाप्त हो रहा है। तब तक यह स्थिति बहाल रहेगी।
इस संबंध में यह भी एक विशेष तथ्य है कि नक्सलियों द्वारा बंद या दमन सप्ताह मनाये जाने के दौरान रात्रि को इस मार्ग पर टे्रनों को आवागमन रोक दिया जाता था। लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया जा रहा है और ट्रेनों को रात में चलाते समय नियंत्रित गति से ही चलाने के निर्देश दिये गये हैं। यह नक्सलियों द्वारा दमन सप्ताह 26 जून से शुरू हो चुका है और आगामी 2 जुलाई तक चलेगा।
3 ) जगदलपुर : नक्सल प्रभावित क्षेत्र में दो करोड़ से बना उपकेन्द्र, लो वोल्टेज की समस्या खत्म
जगदलपुर : संभाग के नहरपुर विकासखंड अंतर्गत सर्वाधिक नक्सली प्रभावित ग्राम जामगांव में विद्युत कंपनी द्वारा 2 करोड़ रूपए की लागत से उपकेन्द्र की निर्माण किया गया, जिसका चार्ज बुधवार को किया। इससे 14 गांवों के 2400 उपभोक्ताओं को सुविधा हो रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार शासन पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत विद्युत कंपनी द्वारा सर्वाधिक नक्सल प्रभावित ग्राम जामगांव में 1.97 करोड़ रूपए की लागत से 33/11 केव्ही उपकेन्द्र का निर्माण किया गया।
इस उपकेन्द्र की क्षमता 13.15 एमवीए है तथा इस उपकेन्द्र के लिए 15 किमी 33 केव्ही लाईन एवं 7 किमी नई लाईन खींचा गया है। इस उपकेन्द्र को 26 जून को चालू कर दिया गया है, जिसके कारण लंबे-लंबे 11 केव्ही फीडर की लंबाई छोटी हुई। जिससे इस क्षेत्र की लो-वोल्टेज की समस्या समाप्त हुई एवं छोटे फीडर होने के कारण विद्युत व्यवधान में कमी आएगी।
इस उपकेन्द्र से इस क्षेत्र के 14 ग्रामों के लगभग 4200 विद्युत उपभोक्ता लाभांवित होंगे। इससे ग्रामीणों के चेहरे खिल उठे। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पहली बार बिजली देखा, इससे गांव के पढऩे वाले बच्चे अब रात में भी पढ़ाई कर सकेगें।