छत्तीसगढ़बस्तर

जगदलपुर : धमतरी और नांदगांव के चीतल बढ़ा रहे कांगेर घाटी की शोभा

जगदलपुर : धमतरी और राजनांदगांव जिला के जंगलों में बढ़ी चीतलों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए वन विभाग ने अनूठी पहल की है। उपरोक्त जिलों के वनों से 30 चीतल और एक-एक नीलगाय व चौसिंगा को कांगेर घाटी के डियर पार्क में लाया गया है। बताया गया कि पूरी तरह से वयस्क होने के बाद इन्हें घाटी में स्वतंत्र विचरण के लिए छोड़ दिया जाएगा।
इधर लंबे समय बाद बस्तर के जंगलों में एक साथ इतने चीतलों का झुंड नजर आ रहा है,

जंगलों में बढ़ी चीतलों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए वन विभाग ने अनूठी पहल की है

इसलिए लोग इन्हे देखने पार्क पहुंच रहे हैं। कहने को बस्तर में दो राष्ट्रीय उद्यान और दो अभयारण्य हैं, परन्तु यहां के किसी भी वनांचल में सहजता से वन्यप्राणी नजर नहीं आते। वहीं प्रदेश के अन्य जिलों में वन्यप्राणियों की संख्या बढऩे की खबर है। इसका फायदा बस्तर ने उठाया है। बताया गया कि राजनांदगांव और धमतरी जिला के वनों में चीतलों की संख्या तेजी से बढ़ी है, इसलिए इनके दाना – पानी की समस्या भी सामने आ रही थी, वहीं ये अवैध शिकार में मारे जा रहे थे।

प्रदेश के अन्य जिलों में वन्यप्राणियों की संख्या बढऩे की खबर है

व्ही श्रीनिवास राव, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक जगदलपुर वनवृत्त के प्रयास से नांदगांव और धमतरी के जंगलों से 30 चीतलों को बस्तर लाया गया है। दिव्या गौतम, संचालक कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान ने बताया कि कोटमसर गुफा के पास 10 हेक्टेयर में ट्रांजिस्ट फेसलिटी सेन्टर बनाया गया है जो डियर पार्क के नाम से चर्चित हो गया है। उपरोक्त स्थानों से लाए गए 30 चीतल, एक नर नीलगाय और एक चौसिंगा को यहां रखा गया है।

नांदगांव और धमतरी के जंगलों से 30 चीतलों को बस्तर लाया गया है

प्रत्येक चीतल को प्रतिदिन दो किलो हरा चारा और एक किलो फैलेट दिया जा रहा है। इनकी निगरानी के लिए एक वनपाल को यहां नियुक्त किया गया है। ट्रांजिस्ट फेसलिटी सेन्टर में प्राकृतिक रूप से घास बढ़ाने के लिए स्प्रींकर की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि परिवहन के समय तथा पार्क में आपस में लडऩे से कुछ चीतल घायल हुए थे। उपचार के बाद अब ये स्वस्थ्य हैं। जैसे ही चीतल पूरी तरह से वयस्क हो जाएंगे, इन्हें घाटी में स्वतंत्र विचरण के लिए छोड़ दिया जाएगा। सुरक्षा के हिसाब से किसी भी सैलानी को डियर पार्क के भीतर प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button