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जशपुर में डिजिटल क्रांति: सभी तहसीलों में डिजिटल फसल सर्वे पूरा

जशपुर । जिले में एग्रीस्टैक परियोजना के तहत डिजिटल क्रॉप सर्वे का कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। जिले के 744 गांवों में 4.03 लाख से अधिक खसरों का सर्वे डीसीएस प्रणाली और मैन्युअल गिरदावरी के माध्यम से किया गया। इसका उद्देश्य फसलों और उनके क्षेत्रफल का सटीक आंकलन करना, पारदर्शिता लाना और कृषि योजनाओं को सशक्त बनाना है।

फील्ड से सीधा डेटा, मोबाइल से अपलोड

सर्वेक्षणकर्ताओं ने किसानों के खेतों में जाकर मोबाइल ऐप के जरिए फसलों की जानकारी रियल टाइम में दर्ज की। इससे न केवल रिकॉर्डिंग में पारदर्शिता आई, बल्कि डेटा तत्काल अपलोड होकर योजनाओं के लिए उपयोगी बन गया।

खुद देखें खेत और फसल की जानकारी

किसान अब भुइयां पोर्टल और राजस्व विभाग की वेबसाइट पर जाकर अपने खेत का डेटा ऑनलाइन देख सकते हैं। किसी भी त्रुटि की स्थिति में तहसीलदार को आवेदन देकर सुधार की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

फसल डेटा सुरक्षित, किसान की सहमति जरूरी

डिजिटल डेटा सुरक्षा अधिनियम 2023 के अनुसार किसानों की जानकारी पूरी तरह गोपनीय रखी गई है। डेटा साझा करने के लिए किसान की सहमति अनिवार्य है और टोकन आधारित प्रमाणीकरण व्यवस्था लागू है।

हर किसान तक पहुंचे डिजिटल लाभ

जिन किसानों के पास मोबाइल नहीं है, उन्हें एफपीओ, कृषि सखी और सीएससी केंद्रों से सहायता दी गई। विशेष शिविरों के जरिए हर किसान को योजना से जोड़ने का प्रयास किया गया।

परिणाम: पारदर्शिता, पात्रता और सरलता

डिजिटल सर्वे से न केवल गिरदावरी प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है, बल्कि किसानों को धान खरीदी, फसल बीमा और अन्य योजनाओं में पात्रता सिद्ध करने में सुविधा मिली है।

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