Janmashtami 2025 व्रत: प्रेमानंद जी महाराज की चेतावनी – जन्माष्टमी पर भूलकर भी न करें ये गलतियां

जन्माष्टमी का पर्व इस साल भाद्रपद मास, कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जा रहा है। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में पूरे देश में भक्ति और उल्लास के साथ मनाया जाता है।
श्रद्धालु इस दिन लड्डू गोपाल के बाल स्वरूप की पूजा करते हैं, उनका श्रृंगार करते हैं और अर्धरात्रि में अभिषेक के साथ जन्मोत्सव मनाते हैं।
व्रत कैसे रखें? (प्रेमानंद महाराज की राय)
— भगवान के बाल स्वरूप का श्रृंगार करें।
— नए वस्त्र और आभूषण पहनाएं।
— श्रीकृष्ण के 108 नामों का जाप करें।
— घर में भजन-कीर्तन और रात्रि जागरण करें।
— मंदिर जाकर भगवान के दर्शन अवश्य करें।
भूलकर भी न करें ये चीजें
संत प्रेमानंद महाराज ने भक्तों को विशेष चेतावनी दी है कि जन्माष्टमी व्रत में इन गलतियों से बचें:
❌ ब्रह्मचर्य का पालन न करना
❌ तामसिक भोजन (मांसाहार, प्याज, लहसुन) ग्रहण करना
❌ व्रत का अधूरा पालन – आधी रात श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के बाद भोग अर्पण
किए बिना व्रत तोड़ना
इन नियमों का पालन न करने से व्रत अधूरा माना जाता है और भगवान अप्रसन्न हो सकते हैं।
मंदिर जाने का महत्व
जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण मंदिर जाकर विधि-विधान से पूजा करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। भगवान को मक्खन और चावल से बने मालपुए का भोग अवश्य लगाएं – यह श्रीकृष्ण का प्रिय भोग है। यदि जन्माष्टमी पर व्रत और पूजा सही तरीके से की जाए तो माना जाता है कि जीवन में सुख-समृद्धि, पापों से मुक्ति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।