जशपुर : जशपुर के बटईकेला गांव की सरपंच मुक्ति देवी होंगी दिल्ली में सम्मानित

जशपुर : जशपुर के कांसाबेल ब्लॉक के ग्राम बटईकेला की सरपंच मुक्ति देवी 23 अप्रैल को केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कृष्णाराज के हाथों सम्मानित होंगी। यह प्रदेश के लिए भी सम्मान का विषय है कि पूरे देश भर से जिन 3 महिलाओं का चयन सम्मान के लिए हुआ है उसमें छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचल जशपुर के ग्राम बटईकेला की सरपंच ने भी अपना स्थान बनाया है । मुक्ति देवी अपने ग्राम की सरपंच होने के साथ-साथ जशपुर जिले के कांसाबेल ब्लाक के सरपंच संघ की अध्यक्षा भी हैं । जिस पुरस्कार के लिए उनका चयन हुआ है उसके लिए इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस नामक संस्था द्वारा सन 1999 से पंचायतों में बेहतर काम करने वाले लोगों को सम्मानित किया जाता है
जिस पुरस्कार के लिए उनका चयन हुआ है
इसके लिए बकायदा देश भर से आवेदन आमंत्रित किया जाता है और फिर सबसे बेहतर काम करने वालों को चुनकर सम्मानित किया जाता है इस बार का थीम इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस द्वारा “स्वच्छ पंचायत स्वच्छ भारत” रखा गया है और 73 वे संविधान संशोधन की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर इस बार आयोजित होने वाले कार्यक्रम में बिहार और कर्नाटक के एक-एक प्रतिनिधि के साथ छत्तीसगढ़ से मुक्ति देवी का चयन हुआ है जो कि जिले के साथ-साथ पूरे प्रदेश के लिए गर्व का विषय है । दिल्ली में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में नामी गिरामी लोग शिरकत करेंगे और इन सबके बीच ग्राम बटईकेला की सरपंच मुक्ति देवी को प्रशस्ति पत्र, मोमेंटो और चेक देकर सम्मानित किया जाएगा ।
“स्वच्छ पंचायत स्वच्छ भारत” रखा गया है
सम्मानित होने के लिए चयनित होने वाली सरपंच मुक्ति देवी का कहना है कि उन्होंने जो भी कार्य किया है वह अपने गांव की बेहतरी के लिए किया है और उनके मन में पहले से यह भावना थी कि समाज और अपने क्षेत्र के लिए कुछ करना है, सरपंच की जिम्मेदारी गांव के लोगों ने ही उन्हें चुन कर दी थी इसलिए उनकी बेहतरी के लिए काम करना उनकी पहली प्राथमिकता थी
और इसी के तहत उन्होंने वह तमाम सुविधाएं वहां उपलब्ध कराने की कोशिश की जिससे ग्रामीणों के जीवन में सुधार हो सके इसके लिए उन्हें गांव के लोगों के साथ साथ प्रशासन का भी सहयोग मिला जिससे निश्चित तौर पर आज बटईकेला गांव की स्थिति में निरंतर सुधार होते जा रहा है , उन्होंने इस सम्मान के लिए उन सभी लोगों को धन्यवाद दिया है जिन्होंने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर उन्हें उनके कार्य में सहयोग प्रदान किया है ।