कमलनाथ से ज्यादा अमीर हैं उनके बेटे नकुलनाथ
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ ने मंगलवार को अपना अपना नामांकन दाखिल कर दिया. नामांकन के साथ ही चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे के मुताबिक पिता कमलनाथ और बेटे नकुलनाथ के पास करीब 781 करोड़ की चल-अचल संपत्ति है. मंगलवार को चुनाव आयोग में दायर हलफनामे के अनुसार नकुलनाथ अपने पिता कमलनाथ से कहीं ज्यादा अमीर हैं. कमलनाथ के पास जहां 124 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति है तो वहीं बेटे नकुलनाथ के पास 657 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति है.
हैरानी की बात ये है कि करोड़ों के मालिक नकुलनाथ ने हलफनामे में बताया है कि उनके पास कोई कार नहीं है. कमलनाथ ने चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में बताया है कि उनके पास दिल्ली में एक अंबेसेडर कार और छिंदवाड़ा नंबर की एक टाटा सफारी स्टॉर्म एसयूवी है, इसके अलावा कमलनाथ के पास छिंदवाड़ा में कृषि योग्य जमीन है. कमलनाथ ने हलफनामे में बताया है कि उन्होंने दिल्ली और छिंदवाड़ा में मकान और अन्य संपतियों में निवेश भी किया हुआ है. कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ ने हलफनामे में बताया है कि उनपर किसी भी प्रकार का कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है. वहीं अपने हलफनामे में कमलनाथ ने बताया है उनके सोशल मीडिया अकाउंट में फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, पिनट्रेस्ट और गूगल प्लस के अलावा एक वेबसाइट शामिल है. वहीं उनके बेटे नकुलनाथ ने हलफनामे में उनके सोशल मीडिया एकाउंट की जानकारी देते हुए बताया है कि उनका फेसबुक, ट्विटर, गूगल प्लस और इंस्टाग्राम पर प्रोफाइल है. इसके अलावा उनका एक ब्लॉगर एकाउंट भी है.
इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ ने मंगलवार को क्रमश: छिंदवाड़ा विधानसभा और छिंदवाड़ा संसदीय सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया. मध्य प्रदेश की राजनीति में यह पहला उदाहरण है जब पिता और पुत्र एक ही जिले से एक ही दल से लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं. कमलनाथ और नकुलनाथ ने मंगलवार को मंदिर में पूजा-अर्चना की और उसके बाद उन्होंने अपना-अपना नामांकन निर्वाचन अधिकारी के समक्ष दाखिल किया. छिंदवाड़ा सहित राज्य के छह संसदीय क्षेत्रों में 29 अप्रैल को मतदान होने वाला है. इन क्षेत्रों में नामांकन भरने का मंगलवार अंतिम दिन था.
गौरतलब है कि कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद छिंदवाड़ा से निर्वाचित विधायक दीपक सक्सेना ने कमलनाथ के लिए विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. अब छिंदवाड़ा विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव होने जा रहा है. कमलनाथ इससे पहले नौ बार छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हो चुके हैं. 17 दिसंबर 2018 को कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और उस तारीख से छह माह की अवधि के भीतर उन्हें विधायक निर्वाचित होना जरूरी है.