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लखपति दीदी सुनिता सिंह: समूह से आत्मनिर्भरता तक की प्रेरणादायक यात्रा

रायपुर। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बदलाव की कहानी तब लिखी जाती है जब एक महिला सीमित संसाधनों से निकलकर सशक्त नेतृत्व की मिसाल बन जाती है। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के ग्राम जिगड़ी की सुनिता सिंह ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन “बिहान” के माध्यम से वे न सिर्फ आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनीं, बल्कि कई महिलाओं की प्रेरणा स्रोत भी बन गई हैं।

कभी खेती और मजदूरी पर आश्रित रही सुनिता की वार्षिक आय 70,000 रुपये थी, जो परिवार की बढ़ती आवश्यकताओं के लिए अपर्याप्त थी। बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी जरूरतें भी पूरी कर पाना कठिन होता जा रहा था।

ऐसे में उन्होंने वर्षा महिला स्व-सहायता समूह से जुड़ने का फैसला लिया। समूह के माध्यम से 15,000 की सामुदायिक निवेश निधि (CIF) और 60,000 का बैंक ऋण (CCL) प्राप्त हुआ। इस आर्थिक सहयोग का उपयोग कर सुनिता ने अपने गांव में होटल-ढाबा व्यवसाय शुरू किया और इसे कृषि आय से जोड़ा।

आज उनकी वार्षिक आय 1,12,000 रुपये हो चुकी है। इस वृद्धि ने उनके जीवन में स्थायित्व और आत्मविश्वास दोनों ला दिए हैं। वे अब अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिला रही हैं और परिवार के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी आत्मनिर्भरता के साथ निभा रही हैं।

स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष के रूप में सुनिता की नेतृत्व क्षमता में भी उल्लेखनीय सुधार आया है। अब वे सिर्फ एक व्यवसायी नहीं, बल्कि ग्रामीण महिला उद्यमिता की प्रतीक बन चुकी हैं।

उनके शब्दों में — “पहले मैं दूसरों पर निर्भर थी, अब मैं अपना भविष्य खुद गढ़ रही हूं और दूसरी महिलाओं को भी आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही हूं।”

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