जमीन खरीद मामला : सर्व आदिवासी समाज जिलाध्यक्ष और जिला पंचायत ने मदद का दिया भरोसा
गरियाबंद। जिले में आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी द्वारा खरीदने का मामला सामने आया है। एक रेंजर ने आदिवासी की जमीन अपने करीबी आदिवासी मित्र के नाम पर खरीदी, फिर उस पर लाखों रुपये का लोन लिया। और जब लोन नही पटाया तो अब बैंक ने आदिवासी पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। हालांकि उस रेंजर की मौत हो चुकी है इस लोन की शिकायत को लेकर उक्त आदिवासी गरियाबंद के समाज प्रमुखों के साथ जिलाधीश एवं अतिरिक्त जिलाधीश से भेजकर अपनी पीड़ा रखी।
धमतरी जिले के गेंदरा निवासी दयालु राम ने इस मामले का खुलासा किया है। दयालु ने खुद को रेंजर के षड़यंत्र का शिकार बताते हुए आदिवासी समाज से मदद की गुहार के लिए आवेदन दिया। दयालूराम के मुताबिक मूलतः कौंदकेरा निवासी आर.एल जगने ने खड़मा और मडेली में उसके नाम पर 54 एकड़ आदिवासी जमीन खरीदी। फिर उसने राजिम और धमतरी के बैंक से लाखों रुपये का लोन लिया, जिसे उसने जमा नही किया। अब बैंक उनपर लोन की क़िस्त जमा करने के लिए दबाव बना रहा है। उन्होंने बताया कि आर.एल. जगने वन विभाग में रेंजर के पद पर पदस्थ थे, अब उनकी मृत्यु हो चुकी है और जमीन पर उसके वारिशों का कब्जा है।
सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष भरतलाल दीवान और जिला पंचायत सभापति लोकेश्वरी नेताम ने दयालु राम को मदद का भरोसा दिलाया है। समाज के प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर एवं अपर कलेक्टर से मिलकर मामले की जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। समाज दयालु राम के साथ खड़ा है और उन्हें न्याय दिलाने में हर संभव मदद करने को तैयार है।