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नईदिल्ली : मोदी सरकार के आम बजट पर सौगातों का खुला पिटारा

नई दिल्ली : मोदी सरकार ने बजट में गरीबों, किसानों और छोटे तथा मध्यम उद्योगों के लिए सौगातों का पिटारा खोलते हुए मध्यम वर्ग, विशेष रूप से वेतनभोगियों और निवेशकों को निराश कर उन पर कर का बोझ बढ़ा दिया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज संसद में 2018-19 का आम बजट पेश किया। इसमें आगामी खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत का डेढ़ गुना करने, उज्ज्वला योजना के लिए मुफ्त गैस कनेक्शन का लक्ष्य बढ़ाकर आठ करोड़ करने तथा विश्व की सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य योजना के तहत 10 करोड़ परिवारों (करीब 50 करोड़ लोगों) को प्रति परिवार पांच लाख रुपए सालाना चिकित्सा कवर देने की घोषणा की गई हैं। आम बजट में हालांकि किसानों को आगामी वित्त वर्ष में ऋण देने की राशि बढ़ाकर 11 लाख करोड़ रुपए करने का लक्ष्य रखा गया है। सौभाग्य योजना के तहत 16 हजार करोड़ रुपए से चार करोड़ गरीबों के घरों को बिजली के कनेक्शन देने और आगामी वित्त वर्ष में ‘2022 तक अपना घर’ कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 51 लाख मकान बनाने की भी घोषणा की गई।
रेलवे
वर्ष 2018 के बजट में भारतीय रेलवे के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपए का पूंजीगत व्यय करने की घोषणा। रेलवे में 18,000 कि.मी. लाइनों के दोहरीकरण के लक्ष्य का प्रस्ताव किया और रेलवे की क्षमताओं के दोहन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के मकसद से आमान परिवर्तन का काम जारी।आगामी वर्ष में रेलवे के लिए 36,000 किमी रेल पटरियों के नवीकरण का भी लक्ष्य रखा गया है जबकि अगले दो सालों में ब्राड गेज मार्गो पर 4267 मानव रहित रेलवे क्रासिंग को भी समाप्त किया जाएगा।सभी ट्रेनों में तेजी के साथ वाईफाई और सीसीटीवी नेटवर्क मुहैया कराया जाएगा। 25,000 से अधिक यात्रियों की आवाजाही वाले स्टेशनों पर एस्केलेटर की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
कृषि
सरकार कृषि जिंसों का निर्यात बढ़ाने के लिए कदम उठाएगी। इस क्षेत्र का निर्यात 100 अरब डॉलर तक पहुंचाया जा सकता है। फिलहाल देश का कृषि निर्यात 30 अरब डॉलर का है। देश के कृषि निर्यात के 100 अरब डॉलर तक पहुंचने की क्षमता है। अभी यह 30 अरब डॉलर है। भारत मुख्य रूप से चाय, कॉफी, चावल, मोटे अनाज, तंबाकू, मसालों, फलों और सब्जियों तथा समुद्री उत्पादों का निर्यात करता है।
किसान
सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से आगामी खरीफ के दौरान अधिसूचित फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत का डेढ गुना करने की आज घोषणा की। किसानों को फसली ऋण सीमा को 10 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर अगले वित्त वर्ष में 11 लाख करोड़ रुपए करने की घोषणा की। किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिले इसके लिए दो हजार करोड़ रुपए की लागत से 22 हजार ग्रामीण बाजारों का ढांचागत विकास किया जाएगा। आलू, टमाटर और प्याज के लिए 500 करोड़ रुपए की लागत से ‘ऑपरेशन ग्रीन’ योजना शुरु किया जाएगा।फलों और सब्जियों को नष्ट होने से बचाने तथा खाद्यान्नों के मूल्य संवर्धन के लिए 42 मेगा फूडपार्क का कार्यान्वयन किया जाएगा।
शिक्षा
नर्सरी से 12वीं तक शिक्षा नीति पर जोर। सरकार ने अब 20 लाख बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सुनिश्चित किया है। अध्यापकों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाएगी और टेक्नोलॉजी के माध्यम से शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी। उच्च शिक्षा के लिए 15 हजार करोड़ बजट बढ़ाया गया है, इससे इस क्षेत्र को 1.3 लाख करोड़ मुहैया करवाए जाएंगे।  शिक्षकों के लिए दीक्षांत पोर्टल की शुरुआत की जाएगी। एकलव्य योजना के तहत स्कूल खोले जाएंगे। ये स्कूल 2022 तक खोले जाएंगे और ये नवोदय स्कूल के आधार पर होंगे। सरकार प्राइवेट सेक्टर के शिक्षण संस्थानों को लाभ देने के लिए पहल करेगी। सरकार बड़ोदरा की रेलवे यूनिवर्सिटी की तरह दो कॉलेज और खोले जाएंगे, जिसमें निजी निवेश भी शामिल है। रेलवे प्लानिंग और आर्टिटेक्चर कॉलेज खोले जाएंगे और प्रधानमंत्री रिचर्स फैलो के तहत बीटेक स्टूडेंट को फैलोशिप दी जाएगी। 24 नए मेडिकल कॉलेज के निर्माण किए जाएंगे और मेडिकल कॉलेजों की संख्या में विस्तार किया जाएगा। सरकार हर तीन संसदीय क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज बनाने का प्रयास करेगी। एक हजार छात्रों को आईआईटी से पीएचडी करने का मौका भी दिया जाएगा।
रक्षा क्षेत्र
सरकार दो रक्षा औद्योगिक उत्पादन कॉरिडोर का विकास करेगी और रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक उद्योग अनुकूल सैन्य उत्पादन नीति लेकर आएगी। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के जरिए घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उद्योग अनुकूल ‘‘रक्षा उत्पादन नीति 2018’’ भी लेकर आएगी। रक्षा उत्पादन क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को उदार बनाने के साथ-साथ निजी निवेश के द्वार खोल दिए गए हैं।    स्वास्थ्य क्षेत्र
सरकार के बजट के तहत हेल्थकेयर स्कीम राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का ऐलान किया जिसे मोदी केयर का नाम दिया जा सकता है। नैशनल हेल्थ प्रॉटेक्शन स्कीम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना) के तहत अब 10 करोड़ गरीब परिवारों के लिए सालाना 5 लाख रुपए के स्वास्थ्य बीमा (हेल्थ इंश्योरेंस) का ऐलान किया गया। इससे कम-से-कम 50 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आयुष्मान भारत कार्यक्रम के लिए 1,200 करोड़ रुपए का फंड आबंटित किया गया। टीबी को रोगियों को पोषक पदार्थ मुहैया कराने के लिए 600 करोड़ रुपए का आबंटन।
क्या हुआ सस्ता और महंगा?
वित्त मंत्री अरुण जेतली ने आज बजट पेश करते हुए जहां मिडल क्लास की उम्मीदों पर पानी फेर दिया वहीं सरकार ने इनकम टैक्स में कोई बदलाव न करके  लोगों को ये साबित कर दिया कि ये बजट लोकलुभावाना नहीं है। जेटली ने 2018-19 के आम बजट में इन उत्पादों पर सीमा शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। बड़ी संख्या में इम्पोर्टेड उत्पादों मसलन मोबाइल हैंडसेट, कारें और मोटरसाइकिलें, फ्रूट जूस, परफ्यूम तथा जूते-चप्पल आदि अब महंगे हो जाएंगे।
ये चीजें हुई महंगी
सरकार ने स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए आयातित टीवी पैनलों पर आयात शुल्क 7.5 प्रतिशत से दोगुना कर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है। इससे एलसीडी-एलईडी टीवी सेट महंगे हो जाएंगे। मोबाइल फोन पर भी सीमा शुल्क 15 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है। एलसीडी-एलईडी-ओएलईडी टीवी के कलपुर्जों पर सीमा शुल्क को बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया।मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क 15 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया गया। इसके अलावा मोबाइल फोन के कुछ कलपुर्जों और एक्सेसरीज तथा टीवी के कुछ कलपुर्जों पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया।खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रानिक्स, वाहन कलपुर्जे, फुटवियर तथा फर्नीचर जैसे क्षेत्रों में घरेलू स्तर पर मूल्यवर्धन की काफी गुंजाइश है।
बजट के बाद महंगे होने वाले उत्पाद
मोबाइल फोन
चांदी
सोना
सब्जियां, फ लों का जूस
सोया प्रोटीन को छोडक़र अन्य फूड तैयार करने का अन्य सामान सनस्क्रीन, सनटैन, मैनीक्यूर, पेडिक्यूर का सामान, डेंचर फिक्सेटिव पेस्ट और पाउडर, डेंटल फ्लॉस शेविंग से पहले और बाद इस्तेमाल किए जाने वाली प्रसाधन सामग्रियां, डियोडोरेंट, स्नान का सामान, परफ्यूम वाले स्केंट स्प्र और इसी तरह के अन्य टायलेट स्प्रे, टूक और बसों के रेडियल टायर एवं रेशमी कपड़े, जूते चप्पल, रंगीन रत्न, हीरे, कृत्रिम आभूषण, स्मार्ट घडियां-वियरएबल उपकरण, फर्नीचर, गद्दे, लैंप, हाथ और पॉकेट घडियां, ट्राइसाइकिल, स्कूटर, पेडल कार, पहिये वाले खिलौने, गुडिया सभी प्रकार के पजल, आउटडोर खेलों, स्वीमिंग पूल में इस्तेमाल होने वाले उपकरण, पैडिलंग पूल्स -सिगरेट और अन्य लाइटर, मोमबत्तियां, पतंग  खाद्य-वनस्पाति तेल मसलन जैतून और मूंगफली तेल आदि महंगे होंगे।
सस्ते होने वाले उत्पाद
बजट के प्रावाधान के अनुसार कच्चा काजू, सौर पैनल-माड्यूल्स विनिर्माण में काम आने वाले सौर टेंपर्ड ग्लास कॉक्लीअर इम्प्लांट में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल या एक्सेसरीज चुनिंदा पूंजीगत या इलेक्ट्रानिक्स सामान मसलन बॉल स्क्रू तथा लीनियर मोशन गाइड आदि सस्ते हो सकते हैं;
 

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