
बीजापुर, जिले के भोपालपटनम ब्लॉक अंतर्गत पामगल निवासी महिला कृषक यालम पापक्का ने शासन की योजना से लाभान्वित होकर मछलीपालन को बढ़ावा देकर आय संवृद्धि के जरिये घर-परिवार को खुशहाल बना दिया है। अपने बेटे वेंकटरमन के सहयोग वे मछलीपालन को उन्नत तरीके से कर रही हैं और हर साल 7 से 8 लाख रुपए की आमदनी अर्जित कर रही हैं। अभी हाल ही में यालम पापक्का के बेटे वेंकटरमन ने बताया कि विगत 3 वर्ष पहले अपने सवा एकड़ कृषि भूमि में करीब ढ़ाई लाख रुपए की लागत से तालाब बनाया है।
जिसमें हर वर्ष लगभग 5 हजार फिंगर लिंक मछली बीज डालते हैं। वहीं मत्स्यपालन विभाग के मार्गदर्शन में मछलियों को समुचित चारा खल्ली, चुन्नी आदि दे रहे हैं। इसके साथ ही सड़े गोबर के लडडू बना कर देते हैं। जो मछलियों के लिए बढ़िया आहार है। मछलियों की बढ़वार के लिए समय-समय पर तालाब में जाल भी चलाते हैं। वेंकटरमन ने बताया कि उसे मछली पालन की तकनीक को सीखने के लिए मत्स्यपालन विभाग द्वारा 5 दिवसीय प्रशिक्षण भी दिया गया है। इसके साथ ही आईसबाक्स एवं जाल भी प्रदान किया गया है।
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अपने तालाब से उत्पादित मछली गांव में ही बिक जाती हैं। जिसके फलस्वरुप हर साल 7 से 8 लाख रुपए की आमदनी हो रही है। मछली पालन की आय से बचत कर अपने कृषि भूमि में दो नलकूप स्थापित किये हैं। जिससे ग्रीष्मकालीन धान की फसल लेते हैं। एमए की शिक्षा प्राप्त वेंकटरमन अपने 10 एकड़ कृषि भूमि में परिवार के सदस्यों के धान की उन्नत खेती करते हैं। यही कारण है कि हर साल लगभग 100 क्विंटल धान लेम्फ्स सोसायटी में विक्रय करते हैं। अपने मछलीपालन एवं खेती-किसानी के माध्यम से अच्छी आय होने के चलते वेंकटरमन दुर्गम माता-पिता सहित 7 सदस्यीय परिवार को खुशहाली की ओर अग्रसर कर चुके हैं। वहीं एक एकड़ भूमि में फिर से तालाब बनाकर कम लागत में ज्यादा मुनाफा वाली मछलीपालन गतिविधि का विस्तार करना चाहते हैं।