रायपुर
विधानसभा चुनाव के नतीजे से अतिउत्साहित होकर कांग्रेस लोकसभा चुनाव में नुकसान नहीं चाहती है। इस कारण बूथ स्तर पर संगठन का फिर से रिव्यू हो रहा है। खाली पद भरे जा रहे हैं। विधानसभा चुनाव में जिन बूथों में पार्टी के प्रत्याशियों को कम वोट मिले थे, वहां कारण की समीक्षा हो रही है। वहीं, सरकार बनाने के बाद अब कांग्रेस छत्तीसगढ़ में केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ विपक्ष की भूमिका में नजर आएगी। मोदी सरकार पर लगे भ्रष्टाचार और विफलता के मुद्दे उठाकर धरना, आंदोलन और प्रदर्शन का दौर शुरू होगा। लोकसभा चुनाव में अब तक कांग्रेस छत्तीसगढ़ में बुरी तरह से हारती रही है।
पिछले तीन लोकसभा के नतीजे देखे जाएं, तो 11 सीटों में से कांग्रेस को हर बार केवल एक-एक सीट ही मिलती रही है। इस बार विधानसभा चुनाव में जिस तरह से कांग्रेस को बंपर जीत मिली है, उससे पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ा है।
पार्टी के नेताओं का दावा है कि लोकसभा चुनाव में भी इस बार कांग्रेस के पक्ष में माहौल रहेगा। प्रदेश के नेताओं-कार्यकर्ताओं के उत्साह को लेकर हाईकमान और पीसीसी के वरिष्ठ नेता चिंतित हैं। इसी कारण प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, प्रदेश प्रभारी सचिव डॉ. अरुण उरांव और डॉ. चंदन यादव ने लोकसभा चुनाव के लिए समितियों व मोर्चा, संगठन, प्रकोष्ठ और विभागों की ताबड़तोड़ बैठक ली।
अब दोनों प्रदेश प्रभारी सचिव लोकसभा क्षेत्रों के दौरे पर निकल गए हैं और एक-एक बूथ की समीक्षा कर रहे हैं कि कहां विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पिछड़ी थी। बूथ व सेक्टर प्रभारियों से वन-टूवन चर्चा करके पिछड़ने का कारण भी पूछा जा रहा है। जिस बूथ में प्रभारियों की लापरवाही सामने आएगी, वहां कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेकर नए प्रभारी बनाए जाएंगे।
धरना प्रदर्शन से गंभीरता लाने की कोशिश
राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश अध्यक्षों से कहा है कि मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस की जितनी आक्रामकता दिल्ली में दिख रही, उतनी राज्यों में नहीं दिख रही है। इस कारण अब प्रदेश प्रभारी पुनिया और पीसीसी ने मोर्चा, संगठन, विभाग और प्रकोष्ठों को सड़क पर उतरकर मोदी सरकार के खिलाफ धरना- प्रदर्शन करने के लिए कहा है। ऐसे प्रदर्शनों से संगठन कार्यकर्ताओं में गंभीरता लाने की भी कोशिश करेगा।