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छत्तीसगढ़ में साय सरकार का नया अध्याय: तीन नए चेहरों के साथ मंत्रिमंडल का विस्तार, कई वरिष्ठों ने बनाई दूरी

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में 20 अगस्त को एक अहम मोड़ आया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अगुवाई वाली सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार करते हुए तीन नए चेहरों को जिम्मेदारियां सौंपीं। गजेंद्र यादव, राजेश अग्रवाल और गुरु खुशवंत साहेब ने राजभवन में मंत्री पद की शपथ ली। लेकिन जितनी चर्चा इन नियुक्तियों की रही, उतनी ही सुर्खियों में रहे वे नाम जो इस समारोह से नदारद रहे।

वरिष्ठों की दूरी पर सवाल

अजय चंद्राकर, धरमलाल कौशिक, विक्रम उसेंडी, रेणुका सिंह जैसे कई कद्दावर विधायक शपथ समारोह से गायब रहे। कुछ ने कारण बताए, कुछ चुप्पी साधे रहे। अजय चंद्राकर राजभवन तो पहुंचे लेकिन समारोह से पहले ही लौट गए। धरमलाल कौशिक दिल्ली रवाना हो गए। लता उसेंडी अरुणाचल दौरे पर हैं, जबकि बाकी रायपुर में रहकर भी नहीं पहुंचे।

तीन नए चेहरों को अहम जिम्मेदारी

गजेंद्र यादव को स्कूल शिक्षा, ग्रामोद्योग, विधि एवं विधायी कार्य जैसे अहम विभाग सौंपे गए।

गुरु खुशवंत साहेब को कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, और अनुसूचित जाति विकास की जिम्मेदारी मिली।

राजेश अग्रवाल को पर्यटन, संस्कृति, और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग सौंपा गया।

संतुलन साधता नया मंत्रिमंडल

मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय और सामाजिक समीकरणों का खास ख्याल रखा गया है।
सरगुजा, बिलासपुर और दुर्ग संभाग को बेहतर प्रतिनिधित्व मिला है। वहीं बस्तर से सिर्फ केदार कश्यप को मौका मिला है। अल्पसंख्यक समुदाय से इस बार कोई भी मंत्री नहीं है, जो एक बड़ी चूक मानी जा रही है।

वरिष्ठों को किनारे कर युवाओं को तवज्जो

अमर अग्रवाल और राजेश मूणत जैसे पुराने चेहरे समारोह में जरूर दिखे, लेकिन मंत्रालय की दौड़ से बाहर ही रहे। माना जा रहा है कि साय सरकार युवा नेतृत्व और नए चेहरों को प्राथमिकता दे रही है।

विभागवार जिम्मेदारियां — एक नजर में

मुख्यमंत्री साय के पास अभी भी सबसे ज्यादा विभाग हैं, जबकि दोनों उपमुख्यमंत्रियों अरुण साव और विजय शर्मा को भी महत्वपूर्ण मंत्रालय दिए गए हैं।

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