बस्तर में माओवादियों का बड़ा आत्मसमर्पण, ₹66 लाख के इनामी 51 युवक लौटे लोकतंत्र की राह पर

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 और नियद नेल्ला नार योजना ने माओवाद की हिंसक विचारधारा में फंसे युवाओं के मन में नया विश्वास जगाया है। अब वे हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं।
बीजापुर जिले में चलाए जा रहे “पूना मारगेम – पुनर्वास से पुनर्जीवन” अभियान के तहत सुरक्षाबलों की लगातार कोशिशों का परिणाम सामने आया है। आज कुल ₹66 लाख के इनामी 51 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर संविधान में आस्था और लोकतांत्रिक व्यवस्था में सम्मानजनक जीवन जीने का संकल्प लिया है।
यह आत्मसमर्पण बस्तर क्षेत्र में भय और हिंसा के अंधकार को मिटाकर शांति और प्रगति के नए युग की ओर बढ़ते कदम का प्रतीक है। छत्तीसगढ़ शासन की संवेदनशील नीतियों और मानवीय दृष्टिकोण ने यह साबित कर दिया है कि संवाद से ही स्थायी समाधान संभव है।
माननीय प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में देश नक्सल मुक्त भारत के लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर है।




