“सशक्त और एकजुट हिंदू समाज ही देश की सुरक्षा और अखंडता की गारंटी”: नागपुर विजयादशमी पर बोले मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी वर्ष के अवसर पर नागपुर मुख्यालय में आयोजित विजयादशमी उत्सव में सरसंघचालक मोहन भागवत ने शस्त्र पूजा के बाद संबोधित करते हुए कहा कि “सशक्त और एकजुट हिंदू समाज ही देश की सुरक्षा और अखंडता की गारंटी है।” इस बार आरएसएस ने अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने का भव्य समारोह मनाया, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मौजूद रहे।
विश्व भारत की ओर देख रहा है
भागवत ने अपने भाषण में कहा कि आज पूरा विश्व भारत की ओर समाधान के लिए उम्मीद लगाए बैठा है। उन्होंने कहा, “ब्रह्मांड चाहता है कि भारत उदाहरण प्रस्तुत करते हुए विश्व को राह दिखाए। विविधता और संस्कृति का सम्मान ही असली राष्ट्रवाद है, जिसे हम हिंदू राष्ट्रवाद के रूप में जानते हैं। हिंदवी, भारतीय और आर्य—ये सब हिंदू के पर्याय हैं।”
हिंदू राष्ट्रवाद और संस्कृति का परिचय
RSS प्रमुख ने स्पष्ट किया कि भारत की कभी भी आधुनिक राष्ट्र-राज्य की अवधारणा नहीं रही। यहाँ संस्कृति ही राष्ट्र की पहचान है, लिहाजा सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन राष्ट्र सबसे ऊपर, हमेशा बना रहता है। “एक सशक्त और एकजुट हिंदू समाज ही देश की सुरक्षा व अखंडता की गारंटी है,” भागवत ने कहा। उन्होंने यह भी दोहराया कि हिंदू समाज हमेशा ‘हम और वे’ की मानसिकता से ऊपर रहा है।
हिंसक विरोध का विरोध
भागवत ने कहा कि हिंसक विरोध-प्रदर्शनों से कभी कोई लाभ नहीं हुआ। ऐसे प्रयास केवल बाहरी शक्तियों को हस्तक्षेप का मौका देते हैं। सरकारों के प्रति असंतोष को अहिंसक और सकारात्मक तरीके से व्यक्त किया जाना चाहिए, जिससे समाज व देश की उन्नति हो सके।
आत्मनिर्भरता और स्वदेशी का संदेश
RSS प्रमुख ने अपनी बात में स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत का संदेश देते हुए कहा कि भारत को अपनी कृषि, व्यापार व हर काम में स्वदेशी तकनीक और संसाधनों पर भरोसा बढ़ाना है, साथ ही बिना मजबूरी के सभी मित्र देशों के साथ अच्छे कूटनीतिक संबंध बनाए रखने होंगे।
महापुरुषों को किया नमन
समारोह में भागवत ने गुरु तेग बहादुर, महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री के बलिदान, सेवा और विचारों को स्मरण करते हुए युवाओं को समाज व राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित किया।