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नई दिल्ली : कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को गोल्ड दिलाने वाली संजीता चानू हुईं डोप टेस्ट में फेल

नई दिल्ली : बीते दिनों गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को गोल्ड मेडल दिलाने वालीं संजीता चानू डोप टेस्ट में फेल हो गई हैं। 53 किलोग्राम कैटेगरी में भारत को स्वर्ण पदक जिताने वाली संजीता के सैंपल में ‘एनाबॉलिक स्टेरॉइड टेस्टोस्टेरॉन’ नाम का ड्रग पाया गया है जो बैन किया जा चुका है। इसी के चलते अंअंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (ढ्ढङ्खस्न) ने उन्हें अस्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया है। बता दें कि गोल्ड कोस्ट के दूसरे दिन भारत का नाम रौशन करने वालीं संजीता चानू डोप टेस्ट फेल होने के साथ ही बड़ी मुसीबत में पड़ सकती हैं। फेडरेशन का कहना है कि अगर डोप के मामले में चानू दोषी पाई जाती हैं तो उन पर चार साल तक का बैन भी लगाया जा सकता है।

गोल्ड मेडल दिलाने वालीं संजीता चानू डोप टेस्ट में फेल हो गई हैं

महासंघ ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि संजीता के नमूने को प्रतिबंधित एनाबोलिक स्टेरॉयड के लिए पाजीटिव पाया गया है। संजीता ने राष्ट्रमंडल खेलों के महिलाओं के 53 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। महासंघ ने एक बयान में कहा, ‘ढ्ढङ्खस्न ने संजीता चानू को टोप टेस्ट में फेल पाया है। इसी के चलते उन्हें एंटी डोपिंग नियम का उल्लंघन करने पर अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है।’ हालांकि इस बात को लेकर अभी पुष्टि नहीं हो पाई है कि वो ड्रग उनके सैंपल में कमनवेल्थ गेम्स के दौरान मिला है या फिर किसी और प्रतियोगिता के दौरान पाया गया है।

एनाबोलिक स्टेरॉयड के लिए पाजीटिव पाया गया

ने डोप परीक्षण नमूना लेने की तारीख जैसे अन्य विवरण नहीं दिये और कहा, ‘आईडब्ल्यूएफ इस मामले के समाप्त होने तक और कोई टिप्पणी नहीं करेगा।’ आपको बता दें कि संजीता ने पिछले साल नवंबर में अनाहेम (अमेरिका) में विश्व चैम्पियनशिप में 53 किग्रा वर्ग में हिस्सा लिया था और कुल 177 किलोग्राम भार वर्ग उठा कर 13 वें स्थान पर रही थी। उन्होंने गोल्ड कोस्ट में 53 किग्रा भार वर्ग में कुल 192 किग्रा भार उठाकर स्वर्ण पदक जीता था।

कुल 177 किलोग्राम भार वर्ग उठा कर 13 वें स्थान पर रही थी

उन्होंने ग्लासगो में 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में 48 किलोग्राम भार वर्ग में भी स्वर्ण पदक जीता था। गौरतलब है कि संजीता चानू मणिपुर की हैं। मीराबाई चानू की तरह ही संजीता की भी आदर्श कुंजारानी देवी ही हैं। भारतीय रेलवे की कर्मचारी संजीता ने महज 20 साल की उम्र में 48 किग्रा वर्ग में 173 किग्रा वजन उठाकर ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीता था।

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