नईदिल्ली : आरोपी के गवाहों को सुरक्षा देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

नईदिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कठुआ गैंगरेप और मर्डर मामले की गवाहों को सुरक्षा उपलब्ध कराने से इनकार किया है. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले की जांच कश्मीर पुलिस की क्राइम ब्रांच ही करेगी. सीजेआई दीपक मिश्रा, जस्टिस एमए खानविलकर और जस्टिस धनंजय चंद्रचूड़ की पीठ ने यह फैसला दिया.इस घटना के मुख्य आरोपियों में से एक विशाल जंगोत्रा की तरफ से गवाही देने वाले उसके तीन दोस्तों ने आरोप लगाया था कि कश्मीर पुलिस की क्राइम ब्रांच उन्हें परेशान कर रही है. ये छात्र जम्मू के रहने वाले हैं और यूपी के मुजफ्फरनगर के कृषि कॉलेज में विशाल जंगोत्रा के साथ पढ़ाई करते हैं.
कठुआ गैंगरेप और मर्डर मामले की गवाहों को सुरक्षा उपलब्ध कराने से इनकार किया है
साहिल शर्मा, सचिन शर्मा और नीरज शर्मा की तरफ से उनके वकील रवि शर्मा ने याचिका लगाई थी कि क्राइम ब्रांच तीनों गवाहों को परेशान कर रही है और उनके परिवार के सदस्यों पर दबाव डाल रही है. अविलंब सुनवाई का अनुरोध किया. उन्होंने आरोप लगाया कि जम्मू कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा उनपर और उनके परिवार के सदस्यों पर दबाव डाल रही है.वकील ने कहा कि ‘‘विशाल जंगोत्रा सात जनवरी से 10 फरवरी तक मुजफ्फरनगर में तीनों गवाहों के साथ था और छात्रों को इससे अलग बयान देने पर मजबूर किया जा रहा है. उस दौरान वह तीनों गवाहों के साथ परीक्षा और प्रैक्टिकल में शामिल हुआ.’’
क्राइम ब्रांच तीनों गवाहों को परेशान कर रही है
याचिका में कहा गया है, ‘‘याचिकाकर्ताओं को राज्य पुलिस अधिकारियों ने 19 से 31 मार्च के बीच शारीरिक और मानसिक यातना दी.’’वकील ने आरोप लगाया कि क्राइम ब्रांच से छात्रों की जान को खतरा है और इसलिए उन्हें सुरक्षा प्रदान कराई जाए. वकील ने तीनों छात्रों के लिए सीबीआई से सुरक्षा की मांग की थी. उन्होंने मामले की जांच सीबीआई से कराने की भी मांग की थी. कोर्ट ने दोनों मांगे खारिज कर दी है.क्या है मामला
वकील ने आरोप लगाया कि क्राइम ब्रांच से छात्रों की जान को खतरा है
जम्मू-कश्मीर के घुमंतु बकरवाल समुदाय की 8 साल की बच्ची कठुआ के एक गांव से 10 जनवरी को लापता हो गई थी. एक सप्ताह बाद पास के जंगल में बच्ची का शव मिला था. जम्मू-कश्मीर क्राइम ब्रांच की जांच में सामने आया कि बच्ची का अपहरण कर उसे नशीली दवाएं खिलाकर उसके साथ एक सप्ताह तक गैंगरेप किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई. इस मामले में राज्य पुलिस ने सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया है जबकि एक किशोर आरोपी के खिलाफ कठुआ की अदालत में अलग से चार्जशीट दाखिल किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने 7 मई को फैसला दिया था कि इस मामले की सुनवाई पठानकोट की अदालत में होगी.