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कुरूद के ग्रामीण उद्योगों में नयी ऊर्जा: स्थानीय हस्तशिल्प और पारंपरिक कला का विकास जारी

रायपुर। विकासखंड कुरूद की ग्राम पंचायत नारी और कोकड़ी में ग्रामोद्योगों की गतिविधियों ने स्थानीय जीवन में एक नई उम्मीद जगाई है। यहाँ के ग्रामीण उद्योग हथकरघा, मिट्टी कला, रेशम धागाकरण सहित कई पारंपरिक कला-कौशलों को जीवित रखे हुए हैं, जो न सिर्फ स्थानीय संसाधनों का उपयोग करते हैं, बल्कि ग्रामीणों को रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रहे हैं।

इस क्षेत्र में महिलाओं और युवाओं की भागीदारी बढ़ती देखी जा रही है, जो नवाचार और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम है। ग्रामीण उद्योगों के माध्यम से न केवल आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है, बल्कि सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण भी सुनिश्चित हो रहा है।

सरकार का उद्देश्य है कि हर ग्राम पंचायत में कम से कम एक ग्रामोद्योग इकाई स्थापित हो, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले और युवा-पीढ़ी को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल सके। इसी कड़ी में विभागीय अधिकारियों ने प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता और विपणन के बेहतर साधन उपलब्ध कराने के लिए सक्रिय प्रयास शुरू किए हैं।

आने वाले समय में धमतरी जिले के अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में भी नई ग्रामोद्योग इकाइयों की स्थापना की उम्मीद है, जिससे महिलाओं और युवाओं को और अधिक सशक्त बनाया जा सकेगा।

यह प्रयास न केवल वर्तमान गतिविधियों की समीक्षा का अवसर है, बल्कि भविष्य में ग्रामीण उद्यमशीलता को और मजबूत बनाने की दिशा में एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है।

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