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UN में भारत का तीखा प्रहार: पाकिस्तान में लोकतंत्र नहीं, सेना का शासन – इमरान खान की कैद पर उठे सवाल

संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान की सियासत और सैन्य दखल पर खुलकर सवाल उठाए। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ‘लीडरशिप फॉर पीस’ विषय पर हुई खुली बहस के दौरान भारत ने पाकिस्तान पर लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने और सेना को असंवैधानिक ताकत सौंपने का आरोप लगाया।

भारत का निशाना सीधे तौर पर पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर पर था। भारत ने कहा कि सेना प्रमुख ने सत्ता पर पकड़ मजबूत करते हुए खुद को आजीवन सुरक्षा और प्रभाव सुनिश्चित किया है, जबकि देश के निर्वाचित नेताओं को जेल में डाला जा रहा है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि हरीश पर्वतनैनी ने पाकिस्तान की राजनीतिक व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वहां “जनता की इच्छा का सम्मान करने का अनोखा तरीका” अपनाया गया है। उन्होंने कहा कि एक चुने हुए प्रधानमंत्री को जेल भेजा गया, सत्ताधारी दल पर प्रतिबंध लगाया गया और 27वें संविधान संशोधन के जरिए सेना को राजनीति पर हावी कर दिया गया।

भारत ने जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान की टिप्पणियों को भी सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर की गई बयानबाज़ी पूरी तरह अनावश्यक और भ्रामक है।

इमरान खान का मुद्दा भी उठा

भारतीय प्रतिनिधि ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी और जेल में बंदी का भी उल्लेख किया। अगस्त 2023 से इमरान खान भ्रष्टाचार और हिंसक प्रदर्शनों से जुड़े मामलों में जेल में हैं। उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए जेल में अमानवीय व्यवहार के आरोप लगाए हैं।

27वां संविधान संशोधन बना विवाद

भारत ने पाकिस्तान में पारित 27वें संविधान संशोधन पर भी चिंता जताई। इस संशोधन के जरिए सेना प्रमुख को ‘चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेस’ का दर्जा, वरिष्ठ सैन्य पदों को आजीवन मान्यता और न्यायिक व्यवस्था में बड़े बदलाव किए गए हैं। भारत का कहना है कि यह कदम लोकतंत्र को कमजोर और सैन्य वर्चस्व को मजबूत करता है।

भारत का स्पष्ट संदेश

भारत ने दो टूक कहा कि पाकिस्तान को दूसरों पर आरोप लगाने के बजाय अपने देश में लोकतंत्र, मानवाधिकार और नागरिक स्वतंत्रताओं की स्थिति सुधारने पर ध्यान देना चाहिए।

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