
रायपुर। छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले ने महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर एक ऐतिहासिक पहल कर मिसाल कायम की है। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ – रक्त शक्ति महाभियान’ के तहत जिले में एक ही दिन में 51,727 महिलाओं का हीमोग्लोबिन टेस्ट कर एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया गया।
यह विशेष अभियान 26 जून को आयोजित किया गया, जिसमें 13 से 45 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं और किशोरियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस उपलब्धि के लिए जिले का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है।
नेतृत्व और संकल्प
इस प्रेरणादायक मुहिम का नेतृत्व जिला कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी ने किया। उनके मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, और जिला प्रशासन की टीमों ने अभूतपूर्व समन्वय दिखाया। गोल्डन बुक की स्टेट हेड सोनल राकेश शर्मा ने खुद कलेक्टर मंडावी को प्रमाण पत्र देकर इस सफलता को मान्यता दी।
एनीमिया से मुक्ति की दिशा में ठोस कदम
कलेक्टर मंडावी ने बताया कि जिले को एनीमिया मुक्त बनाने के उद्देश्य से इस अभियान की शुरुआत की गई। उन्होंने यह भी घोषणा की कि जांच में एनीमिक पाई गई महिलाओं के लिए विशेष स्वास्थ्य योजनाएं तैयार की जाएंगी।
महिलाओं ने दिखाई जागरूकता
इस महाभियान की खास बात यह रही कि महिलाएं स्वेच्छा से अपने घरों से निकलकर जांच केंद्रों तक पहुंचीं, और उत्साहपूर्वक टेस्ट करवाया। जिले में 230 केंद्र स्थापित किए गए थे, जिनमें 212 ग्रामीण और 18 शहरी क्षेत्रों में थे।
प्रशासनिक सहभागिता भी प्रेरणास्पद
कार्यक्रम की शुरुआत में कलेक्टर लीना मंडावी के साथ-साथ अपर कलेक्टर नम्रता डोंगरे, एसडीएम ऋचा चंद्राकर, सीईओ नम्रता शर्मा, जिला खेल अधिकारी सीमा डेविड, और नगर पालिका उपाध्यक्ष रोशनी शर्मा ने भी अपना हीमोग्लोबिन टेस्ट कर उदाहरण प्रस्तुत किया।
यह महाभियान न सिर्फ एक रिकॉर्ड है, बल्कि महिलाओं की सेहत को प्राथमिकता देने की दिशा में एक सशक्त कदम है। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले ने यह साबित कर दिया कि जब प्रशासन और जनता एक साथ मिलकर प्रयास करें, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।