बिहार में एक्यूट इनसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी चमकी बुखार का कहर जारी है. इससे बच्चों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. बिहार में इस बीमारी से अब तक 155 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस जानलेवा चमकी बुखार ने छत्तीसगढ़ के बस्तर में भी दस्तक दे दी है. बस्तर के जगदलपुर डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में चमकी बुखार से पीड़ित तीन बच्चों को भर्ती कराया गया है, जिसमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है.
जगदलपुर के डिमरापाल शासकीय मेडिकल कालेज के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुरूप साहू ने बताया कि चमकी बुखार से पीड़ित तीन बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं. तीनों बच्चों की जांच रिपोर्ट में जापानी बुखार के अलावा चमकी बुखार के लक्षण भी मिले हैं. जिन बच्चों में चमकी बुखार के लक्षण पाए गए है उनकी उम्र 4 साल, 7 साल और 3 साल है.
जारी है इलाज
डॉ. साहू ने बताया कि बच्चों का इलाज जारी है. मिली जानकारी के मुताबिक बीते 18 जून को बस्तर के चोलनार गांव से मासूम भुवाने नाग (4 साल) को गंभीर अवस्था में मेकाॅज में भर्ती करवाया गया है. इस मासूम की जांच के बाद जो रिपोर्ट आई है उसमें जेई के अलावा एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के लक्षण हैं. इस बच्चे की हालत नाजुक बनी हुई है. अन्य दो बच्चे कुमार मंडावी (7 साल), इतियासा (3 साल) जो किलेपाल और परपा से आए हैं. उनकी सेहत में सुधार हो रहा है. पिछले कुछ सालों में बस्तर में जेई से पीड़ित बच्चे इलाज के लिए आ रहे थे, लेकिन इस साल एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम यानी की शिकायत के साथ पहुंच रहे हैं.