रायपुर
शहीद महेंद्र कर्मा के बेटे आशीष शर्मा को डिप्टी कलेक्टर बनाए जाने पर भाजपा नेताओं की आपत्ति को बेहद असंवेदनशील और क्रूर करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा ने पहले भी शहीदों के अपमान करने की अपनी प्रवृत्ति बार-बार उजागर की है. शहादत का सम्मान करना भाजपा के चरित्र में ही नहीं है. 2013 में जीरम की शहादत के बाद शहीदों के परिवारजनों को भाजपा की रमन सिंह सरकार ने चतुर्थ श्रेणी पदों पर नियुक्ति का प्रस्ताव भेजकर शहादत का जो अपमान किया था, उसे शहीदों के परिवारजन और छत्तीसगढ़ की जनता अभी भूली नहीं है.
माओवादियों से मुठभेड़ के बाद शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों के शव दंतेवाड़ा में भाजपा की सरकार के कार्यकाल में कचरा गाड़ी में ढोए गए थे और शहीदों का फिर अपमान किया गया था. माओवादियों से मुठभेड़ की घटना में बड़े पैमाने पर केंद्रीय पुलिस बलों के जवानों की शहादत के बाद शव परीक्षण के लिए जवानों के शव लाए जाने पर मेकाहारा अस्पताल में शहीद जवानों की वर्दियां बेल्ट और अवशेष कूड़ेदान में फेंक कर शहादत का एक बार फिर भाजपा सरकार ने अपमान किया था. शहादत का अपमान और शहीदों के परिजनों की भावनाओं का निरादर भाजपा का वास्तविक चरित्र है. अपने ही नेता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की शोक सभा में भाजपा के अट्टहास करते नेताओं के वीडियो और फोटोग्राफ पूरे छत्तीसगढ़ ने देखे हैं. छत्तीसगढ़ की नदियों में विसर्जन के लिए आए हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के अवशेषों को भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में बेहद अपमानजनक परिस्थितियों में रखा गया था.
इसकी सूचना मिलने पर अटल बिहारी बाजपेई की भतीजी करुणा शुक्ला की अगुवाई में कांग्रेस के नेता वहां गए तो आनन-फानन में भाजपा नेताओं ने अवशेषों को विसर्जित किया. जीरम के शहीदों के परिजन जब जीरम मामले की साजिश की जांच की मांग को लेकर तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष और वर्तमान मंत्री टीएस सिंहदेव के साथ मुख्यमंत्री रमन सिंह से मिले थे तो रमन सिंह जी केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से शहीदों के परिजनों को मिलाने की बात कही थी. बरसों बीत गए. अनेक बार राजनाथ सिंह छत्तीसगढ़ आए लेकिन भाजपा सरकार के मुखिया रमन सिंह ने शहीदों के परिजनों को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से नहीं मिलवाया.
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है आज ओपी चौधरी जैसे भाजपा नेता शहीदों के परिजनों को डिप्टी कलेक्टर नियुक्त किए जाने पर जितना ओछा और स्तरहीन बयान दे रहे हैं वह बेहद आपत्तिजनक और निंदनीय है. जीरम के शहीद नंद कुमार पटेल के बेटे और शहीद दिनेश पटेल के भाई वर्तमान मंत्री उमेश पटेल को हराने के लिए ओपी चौधरी ने खरसिया के विधानसभा चुनाव में जिस तरीके से पैसा खर्च किया मतदाताओं को कहर बरपाने की धमकियां दी और असामाजिक तत्व गुंडों की फौज लगाकर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और मतदाताओं पर जो हमला किया , लोकतांत्रिक प्रक्रिया से खिलवाड़ किया उसे खरसिया के मतदाता और छत्तीसगढ़ की जनता अभी भूले नहीं हैं. असल मे ओपी चौधरी ने नियुक्ति पर सवाल खड़ा कर भाजपा के वास्तविक चरित्र और सोच को ही आगे बढ़ाया है. भाजपा का चरित्र ही शहादत विरोधी है. कांग्रेस की सरकार शहादत का मर्म जानती है. हमने आतंकवाद, नक्सलवाद के कारण अपने नेताओं को खोया है