
रायपुर। छत्तीसगढ़ में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट यानी HSRP लगवाने के लिए वाहन मालिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। परिवहन विभाग और नंबर प्लेट लगाने वाली कंपनियों के दावों के उलट, लोगों को नई नंबर प्लेट मिलने में एक से दो हफ्ते तक का समय लग रहा है।
ऑनलाइन बुकिंग के बाद भी लोग लगातार सेंटरों के चक्कर काट रहे हैं। खासतौर पर 2019 से पहले खरीदी गई गाड़ियों के मालिकों को सबसे ज्यादा दिक्कतें आ रही हैं, क्योंकि इन वाहनों का डिजिटल रिकॉर्ड सिस्टम में नहीं है। इससे वेरिफिकेशन में 10 से 15 दिन तक लग जाते हैं।
नई गाड़ी के मालिक भी परेशान
नई गाड़ी खरीदने वालों को भी तत्काल नंबर प्लेट नहीं मिल रही। डीलरशिप्स को नंबर प्लेट जारी करने में 48 घंटे तक का वक्त लग रहा है। ऐसे में गाड़ी की डिलीवरी में देरी हो रही है और खरीदारों को अगले दिन वापस बुलाया जा रहा है।
पुरानी गाड़ियों में मोबाइल नंबर बन रहा रुकावट
2015 से 2018 तक की गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन में मोबाइल नंबर अपडेट नहीं होना एक बड़ी समस्या बन चुका है। पुराने नंबर अब वाहन मालिकों के पास नहीं हैं, और नए नंबर से रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा। इसके लिए पहले नंबर अपडेट कराना पड़ता है, तब जाकर ऑनलाइन प्रक्रिया आगे बढ़ती है।
शिकायतों की बाढ़, लोग कर रहे इंतजार
कई लोगों ने समय पर आवेदन करने के बावजूद नंबर प्लेट न मिलने की शिकायत की है।
जितेंद्र सिंह ने मई में आवेदन किया, लेकिन दो महीने बाद भी प्लेट नहीं मिली।
अजय श्रीवास्तव ने डेढ़ महीने पहले बुकिंग कराई थी, लेकिन अभी तक कोई अपडेट नहीं मिला।
आशीष तिवारी को बार बार शिकायत के बाद ही दो सप्ताह बाद नंबर प्लेट मिल सकी।
नंबरिंग में गड़बड़ी, एक ही नंबर कई वाहनों को
रायपुर में बड़ी संख्या में गलत नंबर प्लेट भी वितरित की जा रही हैं। कुछ मामलों में एक ही नंबर प्लेट दो अलग-अलग वाहन मालिकों को दे दी गई। जिलों के कोड भी गलत प्रिंट हो रहे हैं। रायपुर के लिए सीजी 04 की जगह सीजी 40 या सीजी 05 प्रिंट किया गया। शिकायतों पर कंपनियां प्लेट तो वापस ले रही हैं, लेकिन नई प्लेट देने में फिर से देरी हो रही है।
रायपुर में 2.66 लाख गाड़ियों को लगनी है नई प्लेट
जिले में 2 लाख 66 हजार से ज्यादा गाड़ियों में नई HSRP लगाई जानी है। लेकिन अब तक केवल 50 हजार वाहन मालिकों को ही प्लेट मिल पाई है। विभाग के अधिकारी बार-बार कंपनियों को स्टाफ और मशीनें बढ़ाने के निर्देश दे चुके हैं, लेकिन जमीनी स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।
विभाग की ढिलाई, कंपनियों पर नहीं हो रही कार्रवाई
सबसे गंभीर बात यह है कि कंपनियों की लापरवाही के बावजूद परिवहन विभाग की ओर से कोई नोटिस या कार्रवाई नहीं की जा रही। अधिकारी केवल आश्वासन दे रहे हैं कि सेंटरों की संख्या और स्टाफ दोगुना किया गया है, जबकि धरातल पर आम जनता को राहत नहीं मिल रही।
पुरानी और अनुपयोगी गाड़ियों को नहीं मिलेगा नया नंबर प्लेट
परिवहन विभाग के अनुसार राज्य में 80 लाख से ज्यादा गाड़ियां पंजीकृत हैं, जिनमें करीब आठ लाख गाड़ियां अब सड़कों से बाहर हो चुकी हैं। ये वाहन जर्जर या 20 साल से अधिक पुराने हैं और इन्हें रनिंग कंडीशन में नहीं माना जाता। ऐसे वाहनों के लिए नई नंबर प्लेट जारी नहीं की जाएगी।
निष्कर्ष
नंबर प्लेट व्यवस्था को सुधारने और लोगों को राहत देने के लिए परिवहन विभाग को कंपनियों पर सख्त कार्रवाई करनी होगी। साथ ही ऑनलाइन प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाना जरूरी है, ताकि लोगों को समय पर नंबर प्लेट मिल सके और परेशानियों का अंत हो।