“गुणवत्ता की शिक्षा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए” – मंत्री गजेन्द्र यादव

रायपुर। स्कूलों में पढ़ाई को लेकर सरकार एक बार फिर गंभीर दिख रही है। स्कूल शिक्षा, ग्रामोद्योग और विधायी कार्यों के मंत्री गजेन्द्र यादव ने साफ कहा है कि बच्चों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
वे मंत्रालय में स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। उनका कहना था कि शिक्षा ही समाज और प्रदेश का भविष्य तय करती है, इसलिए यह जरूरी है कि हर अधिकारी यह सुनिश्चित करे कि स्कूलों में पढ़ाई ठीक से हो रही है या नहीं। इसके लिए नियमित निगरानी बेहद जरूरी है।
स्कूलों की स्थिति जानना जरूरी
मंत्री यादव ने अधिकारियों से कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में स्थित हर स्कूल की अद्यतन जानकारी रखें। इसके लिए स्कूलों का दौरा करें, प्रधानाचार्यों और शिक्षकों से बात करें और यह जानें कि कहां क्या कमी है। उनका मानना है कि जब अधिकारी सक्रिय रहेंगे, तभी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता सुधरेगी।
शिक्षकों के लिए ट्रेनिंग का वार्षिक प्लान
बैठक में एक अहम बात यह भी सामने आई कि शिक्षकों के लिए अब ट्रेनिंग का सालाना कैलेंडर बनेगा। यह ट्रेनिंग ग्रीष्मकालीन छुट्टियों में होगी, ताकि क्लास का नुकसान न हो। साथ ही, इसमें नई तकनीकों और आधुनिक पढ़ाने के तरीकों से शिक्षकों को परिचित कराया जाएगा।
सभी विभाग मिलकर करें काम
श्री यादव ने यह भी कहा कि विभाग के हर हिस्से—चाहे वो योजना बनाने वाला हो या स्कूल प्रबंधन—सबको मिलकर एक टीम की तरह काम करना होगा। तभी सरकार की योजनाएं ज़मीन पर असर दिखाएंगी।
इस बैठक में शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने प्रजेंटेशन के जरिए विभाग की योजनाओं और अब तक की प्रगति की जानकारी दी। साथ ही, माध्यमिक शिक्षा मंडल की अध्यक्ष रेणु पिल्ले और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।