
रायपुर। छत्तीसगढ़ क्वांटिफायबल डाटा आयोग की ओर से प्रदेश की जनसंख्या में अन्य पिछड़े वर्ग व आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के सर्वेक्षण के लिए निर्धारित तिथि अब बढ़ाकर 30 अक्टूबर कर दी गई है। अब आवेदक सीजीक्यूडीसी (CGQDC) मोबाइल एप पर ऑनलाइन पंजीकरण और अपने से संबंधित जानकारियां 30 अक्टूबर तक अपलोड कर सकेंगे। पूर्व में सर्वेक्षण के लिए 12 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की गई थी। आयोग की ओर से संशोधित तिथि के निर्धारण के बाद सर्वेक्षण के लिए संशोधित विस्तृत कार्यक्रम जारी कर दिया है। सीजीक्यूडीसी मोबाइल एप गुगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ क्वांटिफायबल डाटा आयोग के सचिव से प्राप्त संशोधित कार्यक्रम अनुसार ऑनलाइन पंजीकरण एवं डाटा संग्रहण व सत्यापन का कार्य 30 अक्टूबर तक किया जाएगा। डाटा संग्रहण पश्चात ग्राम पंचायत वार एवं वार्ड वार सूची का प्रारंभिक प्रकाशन, ग्राम पंचायत कार्यालय, जनपद कार्यालय, तहसील कार्यालय एवं जोन कार्यालय में 27 नवंबर तक किया जाएगा। प्रारंभिक प्रकाशन पर दावा एवं आपत्ति 15 दिसम्बर तक प्राप्त की जाएगी। प्राप्त दावा एवं आपत्ति का निराकरण 30 दिसम्बर तक किया जाएगा। ग्राम पंचायत क्षेत्र में ग्राम सभा की ओर से, नगरीय निकाय क्षेत्र में पीआईसी व एमआईसी की ओर से 20 जनवरी तक अनुमोदन किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में जनपद स्तर पर एवं नगरीय क्षेत्रों में निकाय स्तर पर डाटा संकलन का कार्य 5 फरवरी तक किया जाएगा। जनपद एवं निकाय स्तर से जिला स्तर पर डाटा संप्रेषण 18 फरवरी तक किया जाएगा। राज्य मोबाइल एप को इस्टाल करने के बाद एप में आवेदक को पंजीयन करना होगा। पंजीयन के लिए एप में लॉगिन के लिए चार विकल्प दिए गए हैं। आधार कार्ड से लॉगिन, राशन कार्ड के नंबर के आधार पर लॉगिन, राशन कार्ड में मुखिया के दर्ज मोबाईल नंबर के आधार पर लॉगिन अथवा उपरोक्त में से कोई भी प्रमाण उपलब्ध नहीं होने की दशा में वर्तमान में स्वयं के मोबाइल नंबर के आधार पर लॉगिन कर सकते हैं। लॉगिन उपरांत एप में एक प्रपत्र उपलब्ध होगा। इसमें आवेदक से संबंधित जानकारी नाम, पिता/पति का नाम, वार्षिक आय परिवार के सदस्यों के नाम, वार्ड/ग्राम पंचायत, जनपद, जिला आदि की जानकारी भर कर अपलोड करना है। आवेदक की ओर से अपलोड की गई जानकारी संबंधित आवेदक के ग्राम पंचायत/नगर पंचायत/नगरीय निकाय के वार्ड के लिए नियुक्त किये गए सुपरवाइजर के पास स्वतः फारवर्ड हो जाएगी। आवेदक के क्षेत्र में अधिकृत सुपरवाइजर के पास जैसे ही आवेदक की जानकारी प्राप्त होगी, वह उसका सत्यापन करेगा। इसके बाद डाटा जिला स्तर पर संकलन के पश्चात् आयोग को प्राप्त होगा।