रायपुर : बच्चो को शिक्षा की जगह भूपेश सरकार अंडे दे रहे हैं

रायपुर : प्रदेश के स्कूलों में मध्या- भोजन अंडे दिए जाने पर उबली राजनीति पर सरकार ने एक नया दांव खेला है। मध्या- भोजन में अंडे देने के फैसले पर घिरी सरकार ने इसका निर्णय बच्चों के पालकों पर छोड़ा है। शासन द्वारा दिए आदेश में यह भी निर्देश दिया गया है कि शाकाहारी भोजन बनने के बाद ही अंडा भोजन के रूप में बनाया जाए और उसे बच्चों को उपलब्ध कराया जाए। सरकार के इस आदेश के बाद भी अंडे पर सियासी बवाल रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इस आदेश के विरुद्घ भी कई वर्गों के लोग अपनी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। जिसमें सत्ता पक्ष व विपक्षी पार्टियां के भी सदस्य शामिलहैं।
एक बार फिर करे विचारः प्रकाश दास
मानिकपुरी पनिका समाज के जिला रायपुर अध्यक्ष प्रकाश दास मानिकपुरी का कहना है कि मुख्यमंत्री का पोषण के तरफ ध्यान देना एक अच्छी पहल है परंतु सभी वर्गों और सभी समाजों का खानपान रहन-सहन को ध्यान में रखते हुए इस निर्णय को पुनः एक बार विचार करना चाहिए क्योंकि हमारे छत्तीसगढ़ में ऐसे बहुत से समाज है जो शुद्घ शाकाहारी है। बच्चों को उचित शिक्षा की जरूरत है न कि अंडे की। अंडे का विकल्प भी है। अंडे से ज्यादा विटामिन और प्रोटीन अंकुरित अनाजों, फलों व दालों में है। अंडा वितरण का मानिकपुरी पनिका समाज घोर विरोध करता है और इस इस निर्णय को तुरंत वापस लेना चाहिए।
सरकार का आदेश अनुचितः नवीन
आरंग विस के पूर्व विधायक नवीन मार्कण्डेय ने कहा है सरकार का यह आदेश अनुचित है। सरकार शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने में ध्यान न देकर सामाजिक ढांचे पर प्रहार कर रही है। शिक्षक के लिए सभी छात्र समान हैं तथा छात्रों को अलग-अलग भोजन देना अनुचित है। इससे छात्रों की भावनाओं पर गलत असर पड़ेगा।
शिक्षा के मंदिर में अंडा परोसना गलतः गजेंद्र
मेडिकल व्यवसायी गजेंद्र वर्मा का कहना है कि शिक्षा के मंदिर में अंडा परोसना उचित नहीं हैं। चाहे वो स्कूल हो या घर पहुच के देना। ये अंडे के व्यवसाय को बढ़ावा देना है। उसकी जगह पर अंकुरित चने, पौष्टिक फल, केला व दूध भी दिया जा सकता है।
सरकार की सार्थक पहलः खिलेश
छत्तीसगढ़ युवा कांग्रेस प्रदेश महासचिव खिलेश देवांगन ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार द्वारा स्कूल में बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए अंडे के वितरण का निर्णय अच्छा है और ये सार्थक पहल है। जो बच्चा अंडा लेना चाहे ठीक है, और जो नहीं लेना चाहे वो भी बेहतर है। आने वाले समय छत्तीसगढ़ के बच्चों को सही मात्रा में प्रोटीन मिले, जिससे कुपोषण से बच सके।
निर्णय अशोभनीयः अश्विन
वरिष्ठ युवा नेता जनता कांग्रेस अश्विन जोशी का कहना है कि स्कूलों में बच्चों के लिए मिड डे मील के तहत अंडे देने का निर्णय सरकार ने लिया है वह बहुत गलत है तथा अशोभनीय है। हम इस महीने की कड़ी निंदा करते हैं। विद्यालय विद्या का मंदिर होता है। मंदिर में विशुद्घ रूप में भोजन वर्जित है। यह बात शास्त्रों में भी कहा गया है। रही बात पोषक तत्वों की की तो इसके कई माध्यम हैं। जिससे बच्चों को पोषण युक्त आहार मिल सके।
शाकाहारी नहीं मांसाहारी है अंडाः दरबारी राम
सतनामी समाज के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता व धर्माचार्य दरबारी राम दानडवेकर ने कहा है कि अंडा शाकाहारी नहीं है यह मांसाहारी माना जाता है। यहां के बच्चों को अंडा से दूर रखना चाहिए क्योंकि हमारे पूर्वजों ने अंडा खाने को अनुचित कहा है इसलिए हम छत्तीसगढ़ सरकार से अपेक्षा करते हैं कि अंडा को बंद किया जाए। अंडा देने की योजना बनाकर राज्य सरकार द्वारा स्कूल के बच्चों में फूट डालने की कोशिश की जा रही है।