आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का निर्माण अंतिम चरण में, प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन प्रस्तावित

रायपुर। नवा रायपुर स्थित आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान परिसर में बन रहे शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का निर्माण कार्य लगभग पूर्णता की ओर है। आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने स्थल का निरीक्षण कर कार्य की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की।
अधिकारियों ने बताया कि संग्रहालय में अंतिम फिनिशिंग और रंग-रोगन का काम जारी है। निर्माण कार्य को 30 सितंबर तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस संग्रहालय का उद्घाटन छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर प्रस्तावित है, जो रजत जयंती और जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाना प्रस्तावित है।
निरीक्षण के दौरान प्रमुख सचिव ने निर्माण एजेंसियों के अधिकारियों की बैठक ली और जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि निर्माण में प्रयोग की जा रही प्रत्येक सामग्री उच्च गुणवत्ता की हो और सभी मानकों पर खरी उतरे। साथ ही वित्तीय पारदर्शिता का पूर्ण पालन सुनिश्चित किया जाए।
इस संग्रहालय में छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुए विभिन्न आदिवासी आंदोलनों को प्रदर्शित किया जा रहा है, जिनमें हल्बा विद्रोह, सरगुजा विद्रोह, भोपालपट्टनम विद्रोह, परलकोट विद्रोह, तारापुर विद्रोह, लिंगागिरी विद्रोह, कोई विद्रोह, मेरिया विद्रोह, मुरिया विद्रोह, रानी चैरिस विद्रोह, भूमकाल विद्रोह, सोनाखान विद्रोह, झंडा सत्याग्रह और जंगल सत्याग्रह जैसे प्रमुख आंदोलन शामिल हैं।
प्रमुख सचिव ने संग्रहालय के फर्श पर जनजातीय कलाकारों की कलाकृतियों को उकेरने और भगवान बिरसा मुंडा एवं रानी गाइडल्यू की मूर्तियां स्थापित करने के निर्देश भी दिए। डिजिटाइजेशन कार्य को तय समयसीमा में पूर्ण करने का लक्ष्य तय किया गया है।
संग्रहालय में एक सोवेनियर शॉप भी शुरू की जाएगी, जिसे गढ़ कलेवा, ट्रायफेड या किसी अन्य प्रतिष्ठित संस्था को यह शर्त रखते हुए दिया जाएगा कि वहां केवल जनजातीय उत्पाद ही बेचे जाएं।
निरीक्षण के दौरान आयुक्त सारांश मित्तर, राज्य अंत्यावसायी निगम के संचालक जगदीश कुमार सोनकर, टीआरटीआई की संचालक हिना अनिमेष नेताम, संयुक्त सचिव बी.के. राजपूत, अपर संचालक जितेन्द्र गुप्ता, उपायुक्त गायत्री नेताम, कार्यपालन यंत्री त्रिदीप चक्रवर्ती समेत निर्माण एजेंसी के ठेकेदार, क्यूरेटर, इंजीनियर और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।