मनी

नईदिल्ली : नकदी संकट: कैश जमाखोरों पर छापेमारी, आरबीआई ने बढ़ाई कैश की सप्लाइ

नई दिल्ली : देश के कई राज्यों में जारी कैश संकट को दूर करने के लिए कई मोर्चे पर एक साथ ताकत झोंकी जा रही है। एक तरफ टैक्स अथॉरिटीज नकदी जमाखोरों पर छापेमारी कर रही हैं तो दूसरी तरफ आरबीआई ने कैश की सप्लाइ बढ़ा दी है। बुधवार को कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में 30-35 जगहों पर छापेमारी हुई। बिहार में एटीएम नेटवर्क के जरिए 800-900 करोड़ रुपये पंप किया गया है। हालांकि, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में समस्या ज्यादा गहरी है, जहां बड़े कॉन्ट्रैक्टर्स की भूमिका इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के जांच के दायरे में हैं।

आरबीआई ने कैश की सप्लाइ बढ़ा दी

अभी तक छापेमारी में बरामद कैश की मात्रा बहुत अधिक नहीं है, लेकिन आने वाले दिनों में ऑपरेशन को तेज किया जाएगा, क्योंकि देश के कई हिस्सों में कैश किल्लत के पीछे 2 हजार रुपये के नोटों की जमा खोरी को मुख्य वजह के तौर पर देखा जा रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऐसे व्यक्तियों और इकाइयों पर फोकस किया गया है, जिन्होंने पिछले कुछ सप्ताह में बड़ी मात्रा में नकदी निकासी की है।

मुख्य वजह के तौर पर देखा जा रहा है

दो दक्षिणी राज्यों से शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि बड़े कॉन्ट्रैक्टर्स छोटे कॉन्ट्रैक्टर्स को चेक जारी कर रहे हैं और वे प्रॉजेक्ट पर खर्च के नाम पर निकासी कर रहे हैं। कुछ केसों में टैक्स अधिकारियों को पता चला कि असल में कोई काम नहीं हुआ है। एक सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर बताया, कुछ केसों में निकासी को उचित नहीं ठहराया जा सका। वे इनकम और खर्च का मिलान नहीं कर सके। हमारा मानना है कि बिना खर्च योजना के कैश को जमा किया जा रहा है।
अथॉरिटीज यह भी पता लगाने में जुटी हैं कि क्या नकदी की जमाखोरी का कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में आगामी विधानसभा चुनावों से भी लिंक है

निकासी को उचित नहीं ठहराया जा सका

सरकार को शक है कि ब्लैक मनी कारोबारी 2,000 रुपये के नोटों की जमाखोरी कर रहे हैं और इसकी वजह से मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, कर्नाटक आदि राज्यों में एटीएम खाली हो गए हैं।
अधिकारी भले ही यह दावा भी कर रहे हैं कि एटीएम अब सामान्य ढंग से काम करने लगे हैं, लेकिन कई राज्यों में स्थिति अब भी खराब है और कैश फ्लो को बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। एटीएम ऑपरेशन कंपनीज के एग्जिक्युटिव्स का कहना है कि वे 200 और 500 के नोटों को भरने पर फोकस कर रहे हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button