रायपुर : पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल के खिलाफ गोलबाजार थाना पुलिस द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग कार्यालय में धरना देने मामले में दर्ज की गई एफआरआई को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने राज्य निर्वाचन पदाधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए है। साथ ही इस मामले में भारत निर्वाचन आयोग से जांच की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों ने आज राजीव भवन में प्रेसवार्ता में पीसीसी अध्यक्ष श्री बघेल के खिलाफ गोलबाजार थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट पर आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के दबाव में लगातार भूपेश बघेल को टारगेट बनाया जा रहा है। श्री बघेल लगातार भाजपा सरकार के विभिन्न भ्रष्टाचार व घोटालों का पर्दाफाश किया है। जिसके चलते भाजपा सरकार लगातार उन्हें ही टारगेट करते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया जा रहा है।
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कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि कुछ निर्वाचन अधिकारियों ने भाजपा सरकार के दबाव में काम किया है। निर्वाचन में संलग्न राज्य शासन के कुछ बड़े अधिकारी अपने दायित्वों के साथ ईमानदार नही रहे है, वहीं राज्य में पुलिस की धारा चेहरे के हिसाब से प्रभावी होती है। उन्होंने कहा कि भुपेश बघेल सहित कांग्रेस के प्रत्याशियों के खिलाफ मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय का पक्षपातपूर्ण रवैय्या लोकतंत्र की स्वच्छ परंपराओं के खिलाफ रहा है। यहीं नहीं निर्वाचन कार्य में लगे कुछ सरकारी अधिकारियों ने तो भाजपा के प्रकोष्ठ मंडल के पदाधिकारियों की तरह व्यवहार किया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ पदाधिकारियों के व्यक्तिगत स्वार्थ के कारण यहां आदर्श आचार संहिता का पालन सही ढंग से नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता का पालन कराने में एवं सरकारी तंत्र का दुरुपयोग रोकने कुछ निर्वाचन के पदाधिकारी असफल सिद्ध हुए।
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कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जयस्तंभ चौक, मालवीय रोड में रैली प्रदर्शन को प्रतिबंधित किया गया है धारा 144 प्रभावी किया गया जिसके कारण रामनवमी गुरु नानक देव जी की जयंती कबीर साहब की जयंती परम पूज्य गुरू घासीदास बाबा की जयंती एवं अन्य प्रकार के आयोजनों को पूर्णता प्रतिबंधित किया गया, वहीं दूसरी ओर धारा 144 का उल्लंघन करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भाजपा के विधानसभा उम्मीदवार बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत, नंदे साहू, श्रीचंद सुंदरानी के लिये प्रतिबंधित क्षेत्र में रोड शो करते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग और जिला प्रशासन के पदाधिकारी कोई कार्यवाही नहीं कर सुरक्षा मुहैय्या कराते है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
कांग्रेस नेताओं ने भारत निर्वाचन आयोग से राज्य निर्वाचन पदाधिकारियों की भूमिका की जांच की मांग की है।