
रायपुर। छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने आज राजस्व विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में विभागीय योजनाओं की प्रगति और आगामी रणनीतियों पर गहन चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी योजनाएं तय समयसीमा के भीतर पूरी की जाएं और जनता को सेवाओं का शीघ्र एवं प्रभावी लाभ मिले।
बैठक में डिजिटल भू-अभिलेख, ई-गिरदावरी, ड्रोन सर्वे आधारित स्वामित्व योजना, त्रिवर्षीय भू-सर्वेक्षण कार्यक्रम तथा नक्शा परियोजनाओं की विस्तार से समीक्षा की गई। मंत्री वर्मा ने कहा कि राजस्व विभाग आम जनता से सीधा जुड़ा हुआ विभाग है, इसकी पारदर्शिता और संवेदनशीलता ही सरकार पर लोगों का विश्वास कायम रखती है।
लंबित मामलों पर सख्त रुख, अनुशासनात्मक कार्रवाई के संकेत
राजस्व न्यायालयों में वर्षों से लंबित प्रकरणों की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए मंत्री वर्मा ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी मामलों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि निर्धारित समय में कार्य नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
डिजिटलीकरण और तकनीकी दक्षता की दिशा में बड़ा कदम
बैठक में विभागीय दस्तावेजों जैसे मिसल, निस्तार पत्रक, न्यायालयीन फाइलों के डिजिटलीकरण की स्थिति की समीक्षा हुई। साथ ही यह तय किया गया कि आम नागरिकों को ये दस्तावेज कियोस्क और ऑनलाइन माध्यम से सहज रूप से उपलब्ध कराए जाएं। भूमि अभिलेखों के आधुनिकीकरण, ई-गिरदावरी, किसान पंजीयन और ड्रोन सर्वेक्षण जैसे विषयों पर भी तेजी से काम करने के निर्देश दिए गए।
आपदा प्रबंधन और पुनर्वास योजनाएं बनीं चर्चा का केंद्र
मंत्री वर्मा ने प्राकृतिक आपदाओं जैसे आकाशीय बिजली और बाढ़ की रोकथाम के लिए विभाग की तैयारियों की समीक्षा की। पुनर्वास प्राधिकरण, भू-अर्जन, नई तहसीलों में रिकॉर्ड रूम की स्थापना और स्वीकृत बजट व्यय की स्थिति पर भी चर्चा की गई।
बैठक में राजस्व विभाग के सचिव श्री अविनाश चम्पावत, उप सचिव श्री लोकेश चंद्राकर एवं श्री सुनील चंद्रवंशी समेत अनेक वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।
अंत में मंत्री श्री वर्मा ने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे ‘मिशन मोड’ में कार्य करें और जनहित को सर्वोपरि रखते हुए शासन की योजनाओं को धरातल पर उतारें।