साईं मसन्द मिले श्रीधाम में दोनों नवनियुक्त शंकराचार्यों से एवं ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द को दी श्रद्धांजलि
करीब दस वर्षों से भारत को पुन: विश्वगुरु बनाने की मुहिम चला रहे स्थानीय मसन्द सेवाश्रम के पीठाधीश साईं जलकुमार मसन्द साहिब ने 20 सितम्बर को श्रीधाम पहुंचकर 11 सितम्बर को ब्रह्मलीन हुए पूज्यपाद जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की और ध्यान लगाया। अपने ध्यान में उन्होंने ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती महाराज से प्रार्थना की कि वे धर्म, समाज, देश व जगत् के हित में सेवारत अपने अनुयाइयों का मार्गदर्शन जिस तरह अपने साकार स्वरूप में करते रहे, वैसी ही कृपा अब अपने निराकार रूप में भी करते रहें। उन्होंने वहां 21 सितम्बर को यति पार्वण, 22 को नारायण बलि पूजा तथा 23 सितम्बर को श्रद्धांजलि सभा में भी भाग लिया।
श्रद्धांजलि सभा में देश के उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम चारों दिशाओं से बड़ी संख्या में सन्त-महात्मा, हजारों अनुयायी, क्षेत्र के लाखों नागरिक तथा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री, केन्द्र व कुछ राज्यों के वर्तमान व पूर्व मंत्री, सांसद, विधायक आदि अनेक राजनेता व गणमान्य लोग शामिल हुए एवं ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की। नवनियुक्त शंकराचार्यों स्वामी सदानन्द सरस्वती जी महाराज एवं स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती महाराज ने भी सभा को सम्बोधित किया। स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी महाराज ने अपना लक्ष्य भारत को पुन: विश्वगुरु बनाना घोषित किया और कहा कि उनका प्रयास होगा कि भारत के बच्चे तक दुनिया के बच्चों के लिए अनुकरणीय आदर्श सिद्ध हों।
साईं मसन्द साहिब ने वहाँ स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती महाराज एवं स्वामी सदानन्द सरस्वती महाराज दोनों से भेंट कर अपने अभियान की प्रगति से अवगत कराया। उन्होंने स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी महाराज को उनका लक्ष्य भारत को पुन: विश्वगुरु बनाने की घोषणा करने पर बधाईयां दीं और इस विषय पर उनका एवं स्वामी सदानन्द सरस्वती जी महाराज दोनों का 1-1 वीडियो भी बनवाकर देने का अनुरोध किया। उल्लेखनीय है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द महाराज जी ने 4 सितम्बर को श्रीधाम में साईं मसन्द साहिब द्वारा अपनी इस मुहिम हेतु छपवाए गये फोल्डर पर आधारित दिये गये व्याख्यान का वीडियो बनवाकर दिया है, जो इस मुहिम अंतर्गत विभिन्न नगरों में होने वाले सम्मेलनों में बड़ा उपयोगी सिद्ध हो रहा है।