शनि की परीक्षा शुरू: कौन सी राशियाँ हैं इस समय अग्निपरीक्षा में?

शनि देव—न्याय के प्रतीक, कर्मों के लेखा-जोखा रखने वाले देवता। जब वे किसी राशि पर साढ़ेसाती या ढैया लेकर आते हैं, तो यह केवल संकट नहीं, बल्कि आत्मनिरीक्षण, अनुशासन और आत्मोन्नति का दौर होता है।
यह काल आपको तोड़ता नहीं, गढ़ता है
इस समय 5 राशियाँ हैं शनि की सीधी निगाह में—जिन पर या तो साढ़ेसाती चल रही है या फिर ढैया। जानिए आपकी राशि इस सूची में है या नहीं, और इन चुनौतियों से बचने के उपाय भी।
मकर (Capricorn): अंतिम परीक्षा का समय
स्थिति: साढ़ेसाती का अंतिम चरण
संभावित प्रभाव: शारीरिक थकावट, करियर में रुकावट, मानसिक अस्थिरता
उपाय: सरसों का तेल दान करें, बुजुर्गों की सेवा करें
मंत्र: शनि स्तोत्र का पाठ करें
कुंभ (Aquarius): चरम अनुशासन की घड़ी
स्थिति: साढ़ेसाती का मध्य चरण
संभावित प्रभाव: मानसिक तनाव, आर्थिक अस्थिरता, रिश्तों में उलझन
उपाय: पीपल के नीचे दीपक जलाएं, हनुमान पूजा करें
मंत्र: ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः
मीन (Pisces): भ्रम और भय की शुरुआत
स्थिति: साढ़ेसाती का पहला चरण
संभावित प्रभाव: अनावश्यक खर्च, आत्म-संदेह, स्थान परिवर्तन
उपाय: हनुमान चालीसा पढ़ें, बजरंगबली के दर्शन करें
मंत्र: ॐ हं हनुमते नमः
कर्क (Cancer): अष्टम शनि की मार
स्थिति: ढैया (अष्टम भाव से)
संभावित प्रभाव: स्वास्थ्य समस्याएं, कार्य में रुकावट, पारिवारिक तनाव
उपाय: काले कुत्ते को भोजन दें, शनि स्तोत्र का पाठ करें
मंत्र: ॐ शं शनैश्चराय नमः
वृश्चिक (Scorpio): घरेलू जीवन की चुनौती
स्थिति: ढैया (चतुर्थ भाव से)
संभावित प्रभाव: पारिवारिक कलह, मां के स्वास्थ्य की चिंता, संपत्ति मामलों में रुकावट
उपाय: पीपल की परिक्रमा करें, मजदूरों की सेवा करें
मंत्र: ॐ नीलाञ्जनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।
शनि क्या ‘अप्रसन्न’ हो जाते हैं?
नहीं। जब शनि भारी पड़ते हैं, तो वह कर्मों की कठोर परीक्षा लेते हैं। यह समय अनुशासन, ईमानदारी और धैर्य की मांग करता है। जो इस कसौटी पर खरे उतरते हैं, वही शनि की कृपा पाते हैं।
यह एक सामान्य राशिफल है, जो शनि की गोचर स्थिति पर आधारित है। सटीक प्रभाव जानने के लिए व्यक्तिगत कुंडली का विश्लेषण आवश्यक है। किसी निर्णय से पहले योग्य ज्योतिषी से परामर्श लें।