सूरजपुर जिले के प्रतापपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ एक डॉक्टर अखिलेश विश्वकर्मा (52) ने मंगलवार शाम को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना मिलने पर प्रतापपुर थाना प्रभारी लक्ष्मण सिंह धुर्वे, बीएमओ डॉ. विजय सिंह, भाजपा मंडल अध्यक्ष अक्षय तिवारी, अनूप विश्वास, करंजवार सरपंच विक्रम सिंह और विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे जहाँ कमरे में एक सुसाइड नोट मिला है।
सुसाइड नोट में लिखा है कि मैं अपनी जिंदगी से तंग आ चुका हूं। मैं जीना नहीं चाहता, इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं। इसमें किसी का कोई दोष नहीं है। जानकारी के मुताबिक, करीब तीन माह पहले डॉक्टर अखिलेश ने बीएमओ का प्रभार छोड़ दिया था। उनके सहकर्मियों ने बताया कि डॉ. अखिलेश कुछ समय से डिप्रेशन में थे। वे मंगलवार को ड्यूटी कर अपने घर गांव करंजवार पहुंचे। फिर देर शाम करीब 7.30 बजे उन्होंने अपने कमरे में फांसी लगा ली। कुछ देर बाद बेटे-बहू ने फांसी पर झूलता देख फंदे से नीचे उतारा, लेकिन उनकी मौत हो चुकी थी।
बताया जारहा है कि, डॉक्टर अखिलेश विश्वकर्मा की पत्नी की मौत कोरोना में हो गई थी वहीं नीट की तैयारी कर रहे बेटे ने भी फांसी लगा ली थी। पहली नजर में मामला आत्महत्या का लग रहा है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।