खेल

मुंबई : ऑलराउंडर के पैमाने पर खरे नहीं उतर रहे पंड्या!

मुंबई : भारत का साउथ अफ्रीका दौरा अब समाप्त होने को है। इस दौरे पर एक खिलाड़ी का प्रदर्शन काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा वह रहे हार्दिक पंड्या। 24 वर्षीय इस खिलाड़ी ने दौरे पर अपनी शुरुआत शानदार तरीके से की। उन्होंने साउथ अफ्रीका के मजबूत केप टाउन में खेले गए पहले टेस्ट में धमाकेदार 93 रन बनाए। एक ओर जहां भारतीय पारी लडख़ड़ा रही थी उस समय हार्दिक की इस पारी की काफी तारीफ की गई। पंड्या की तुलना महान ऑलराउंडर कपिल देव से की जाने लगी।
हालांकि पंड्या गेंद से ठीक-ठाक प्रदर्शन करते रहे लेकिन उनकी बल्लेबाजी का रंग फीका ही नजर आया। इस बीच ऐसे मौके भी आए जब वह आलोचकों के निशाने पर रहे। एक बार सेंचुरियन में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में जब उन्होंने रन लेते हुए अपना बल्ला जमीन से नहीं टिकाया। इसके बाद वह रैंप शॉट खेलते हुए विकेट के पीछे लपके गए। केप टाउन की अपनी पारी के बाद उन्होंने 1, 15, 6, 0 और 4 रन बनाए। उन्होंने टेस्ट सीरीज में 19.83 की औसत से 119 रन बनाए।
इसके बाद छह मैचों की वनडे सीरीज में भी उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। भारत ने जहां इस सीरीज में 5-1 से जीत हासिल की लेकिन पंड्या ने बल्लेबाज के तौर पर इस सीरीज में 8.66 की औसत से सिर्फ 26 रन बनाए। पंड्या के स्थान पर किसी अन्य बल्लेबाज का यह प्रदर्शन शायद टीम से बाहर करने के लिए काफी होता लेकिन उनकी तेज गेंदबाजी और शानदार फील्डिंग की वजह से वह टीम में बने रहे।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर रोजर बिनी ने कहा, पंड्या लकी हैं कि उन्हें ऑलराउंडर समझा जा रहा है। वह बल्ले से योगदान नहीं देते हैं। वह गेंद से प्रदर्शन कर रहे हैं और इसी वजह से वह टीम में बने हुए हैं।1519366949ardik
उनका मानना है कि अब वक्त आ गया है कि पंड्या की तुलना कपिल देव से करनी बंद कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा, उनकी बल्लेबाजी में कपिल की कोई झलक नजर नहीं आती। भारतीय टेस्ट टीम में आने से पहले कपिल ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में शतक लगाए थे। पंड्या ने टॉप लेवल पर आने से पहले रन नहीं बनाए हैं। वह टी10 में अपने अच्छे प्रदर्शन के दम पर टेस्ट टीम में आए हैं। सीमित ओवरों का खेल बिलकुल अलग होता है। जब फील्ड फैली होती है तो आप उसमें रन बना सकते हैं।
बिनी ने कहा, उन्हें घरेलू क्रिकेट में बड़ौदा के लिए ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी करके रन बनाने होंगें, अन्यथा उनके लिए टेस्ट क्रिकेट में जमना और रन बनना मुश्किल होगा। मुझे हालांकि लगता है कि वह बहुत ज्यादा घरेलू क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे।
कई लोग सोचते हैं कि बल्लेबाजी के समय पंड्या की अति-आक्रमकता उनके लिए मुश्किल पैदा कर रही है। बिनी इस बात से सहमत नजर आते हैं। उन्होंने कहा, वह पहली गेंद से ही शॉट लगाने का प्रयास करते हैं, जोकि मुश्किल है। वह बहुत ज्यादा शॉट खेलने की कोशिश करते हैं और सेटल नजर नहीं आते।
बिनी के पुराने साथी और बड़ौदा में पंड्या के कोच रहे किरन मोरे ने हालांकि इस बात से सहमत नजर नहीं आते। उन्हें कहा, अगर आप टेस्ट क्रिकेट की बात करें तो कितने बल्लेबाजों ने वहां अर्धशतक भी लगाया? वह 93 रन 150 रनों के बराबर थे।
 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button