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नई दिल्ली : 3 साल के प्रयासों से सुधरी अर्थव्यवस्था : जेटली

नई दिल्ली  : वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वैश्विक आर्थिक मंदी की स्थिति के बावजूद केंद्र सरकार की संरचनात्मक सुधार एवं ठोस नीतियों के कारण भारत की वृद्धि दर पिछले तीन वर्षों में दुनिया में सर्वोच्च बनी रही। उन्होंने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी जैसे कठिन निर्णयों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया का उज्ज्वल प्रकाश पुंज है। केंद्रीय बजट पर चर्चा का लोकसभा में जवाब देते हुए वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि कांग्रेस अर्थव्यवस्था की धुंधली तस्वीर पेश कर रही है। लेकिन आंकड़े गवाह हैं कि राजकोषीय स्थिति से लेकर सकल घरेलू उत्पाद, मुद्रा स्फीति, विदेशी मुद्रा भंडार जैसे पैमाने पर आज देश की स्थिति कांग्रेस नीत यूपीए की पूर्ववर्ती सरकार की तुलना में कहीं बेहतर है।  आईएमएफ  एवं अन्य रेटिंग एजेंसी के आंकड़े का हवाला देते हुए जेटली ने कहा कि हमें अर्थव्यवस्था के संदर्भ में जो चीजें विरासत में मिली। उसके बाद से हमारी सरकार की संरचनात्मक सुधार पहल के कारण अब स्थिति बिल्कुल अलग हो गई है। तब (यूपीए सरकार के दौरान) कोई भारत की चर्चा सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में चर्चा नहीं करता था। जेटली ने कहा कृषि, गरीबी उन्मूलन, रोजगार देश के समक्ष चुनौती हैं। लेकिन सवाल है कि क्या ये चुनौतियां पिछले चार साल में उत्पन्न हुई हैं। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, पिछले 55 वर्षों तक आप सत्ता में थे, ऐसे में आपको यह आत्मचिंतन करना चाहिए कि इस स्थिति में आपका कितना योगदान रहा।  वित्तमंत्री ने कहा कि पिछले चार वर्षों में हमारी सरकार ने जीएसटी, नोटबंदी समेत अनेक संरचनात्मक सुधार पहल लागू की। चार साल में जिस प्रकार के आर्थिक सुधार किए गए, मैं नहीं समझता कि पहले ऐसा हुआ। इन सुधारों से आने वाले समय में लाभ मिलेगा।  तृणमूल कांग्रेस सदस्यों के आरोपों के संदर्भ में जेटली ने कहा कि जब वह केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार का समर्थन कर रही थी, तब राजकोषीय घाटा 6त्न था। मुद्रास्फीति की दर 11-12 प्रतिशत थी। इसके उलट आज राजकोषीय घाटा 3.2 त्न पर लाने की कोशिश की जा रही है। मुद्रीस्फीति भी चार फीसदी के आसपास है।  वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के संदर्भ में वित्तमंत्री ने कहा कि जीएसटी को लागू करने में केंद्र के साथ राज्यों की सहभागिता रही है। इनमें कांग्रेस शासित राज्य भी शामिल हैं। तृणमूल कांग्रेस ने भी इसका समर्थन किया था। जीएसटी के लिए संविधान संशोधन किया गया और इसे सितंबर 2017 तक लागू करने की संवैधानिक बाध्यता थी। इसलिए इसे लागू किया गया। जेटली ने कहा कि कुछ महीनों के अंदर हम जीएसटी को स्थिर करने में सक्षम रहे हैं, हमने राजस्व वृद्धि के साथ दरें कम की हैं। जीएसटी दर के बारे में कांग्रेस के आरोपों पर जेटली ने कहा कि जब केंद्र में उसकी सरकार थी तब 31त्न तक कर वसूला जाता था। लेकिन एनडीए सरकार आने के बाद वह 18त्न कर सीमा तय करने की सलाह दे रही।  नोटबंदी के मसले पर उन्होंने कहा कि यह कठिन फैसला था और आरोप लगाए जा रहे थे कि इससे जीडीपी में दो प्रतिशत की गिरावट आएगी। लेकिन आंकड़े गवाह हैं कि सिर्फ 0.4 प्रतिशत की कमी आने का अनुमान है। इसमें जीएसटी का भी योगदान रहा है। कारोबार सुगमता में भारत की स्थिति बेहतर हुई है।  
 

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