जगदलपुर, कुछ वर्षों के पूर्व तक अपने सीमित साधनों और अत्यल्प आवश्यकताओं के साथ जीवन बिताने वाले बस्तर के ग्रामीण आदिवासियों को बढ़ते विकास के साथ और अपने घट रहे वन क्षेत्र के कारण एक ओर जहां गरीबी के अभिशाप से दो चार होना पड़ रहा है। वहीं उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए मैक्सिको के एक प्रोफेसर ने पहल की है और उनकी पहल सफल हुई तो वे क्षेत्र में मसीहा के रूप में पहचाने जाएंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय मूल के प्रो. वरुण दाइटम स्थानीय इंजीनियरों को कम खर्च में पर्यावरण अनुकूल आवास सहित प्राचीनकाल में बनने वाले डोम व अन्य निर्माण का प्रशिक्षण दे रहे हैं। वे मैक्सिको में आईटीइएसएम यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं। वे पिछले सप्ताह से स्थानीय लाइवलीहुड कॉलेज में जिला पंचायत के इंजीनियरों और अन्य लोगों को मिट्टी और रेत से दीवार बनाने और छत बनाने के प्राचीनकाल के लुप्त हो रही कला को यहां सिखाकर कम खर्च में छत बनाने का तरीका भी सिखा रहे हैं। इस निर्माण को स्पैनिश वॉल्ट भी कहा जाता है।
इसके लिए पहले चरण में मास्टर ट्रेनर तैयार किए जा रहे हैं। ये गांव-गांव जाकर महिला समूहों और अन्य लोगों को ऐसे निर्माणों के संबंध में प्रशिक्षित करेंगे और यह भी जानकारी देंगे कि भ_े में नहीं पकाने से भी स्पैनिश वॉल्ट की ईंट हर मौसम के अनुकूल रहती है और वर्षा के थपेड़ों को सहने के साथ-साथ मकान, दुकान, रेस्टोरेंट के निर्माण के साथ अन्य प्रकार के सभी निर्माण कार्यों में मिट्टी की जुड़ाई से ही चमत्कार किए जाते हैं। इसके लिए गीली मिट्टी और रेत का मिश्रण तैयार किया जाता है। छत की ढलाई और बेस के लिए ईंट भी ऐसे ही बनाई जाती है और ईंट को भे_ में पकाया नहीं जाता है। मिट्टी और रेत इसे मजबूती देते हैं।
इस संबंध में इंटरनेट से जानकारी देने पर मेक्सिको की आईटीइएसएम यूनिवर्सिटी के प्रो. वरुण दाइटम यहां आए हैं। वे मूलत: बेंगलुरू के रहने वाले हैं। वे पिछले पांच सालों से मैक्सिको में हैं। हाल में वे छुटिट्यों में भारत आए हुए थे। इस दौरान उन्होंने जिला पंचायत सीईओ रितेश अग्रवाल की एक पोस्ट पढ़ी जिसमें लिखा था कि यदि कोई बस्तर में आकर यहां के लोगों को नया कुछ सिखाना चाहता है तो उनका स्वागत है। इस पोस्ट को पढऩे के बाद उन्होंने गूगल सर्च किया तो यहां एनएमडीसी और नक्सलियों से संबंधित जानकारी ही ज्यादा मिली। इसके बाद भी वे बस्तर आए और यहां तीन दिनों का ट्रेनिंग सेशन चलाया। इसके बदले में उन्होंने कोई शुल्क भी नहीं लिया।
यह भी उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया में सीईओ रितेश अग्रवाल ने प्रो. वरुण दाइटम के ट्रेनिंग देने की जानकारी पोस्ट की थी। इसे पढक़र स्कॉटलैंड की महिला जिनका नाम इंडिया है वो भी जगदलपुर पहुंच गईं।
सुधीर जैन
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