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बिजली के बिल से आमदनी तक का सफर, छत्तीसगढ़ में सौर ऊर्जा क्रांति

रायपुर। अब वो दौर बीत चुका है जब बिजली का मीटर सिर्फ खर्च गिनता था। आज वही मीटर गवाही दे रहा है – उपभोग नहीं, उत्पादन की। प्रधानमंत्री सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना ने छत्तीसगढ़ के घर-घर में नई रोशनी पहुंचाई है।

महासमुंद के इमली भाठा रोड, एकता चौक निवासी अमित अब हर महीने बिजली विभाग से आय प्राप्त कर रहे हैं। कभी 1500 से 4000 रुपये तक का बिल भरने वाले अमित की छत पर लगे 5 किलोवाट के सोलर पैनल अब रोजाना 10 यूनिट बिजली बना रहे हैं। इनमें से 7–8 यूनिट घर में खपत हो जाती है, और बाकी यूनिट बिजली विभाग को वापस मिलती है – आमदनी के रूप में।

हर पंखा, बल्ब, और उपकरण अब सूरज की रोशनी से चलता है। स्मार्ट मीटर हर पल इस परिवर्तन की कहानी लिख रहा है, और सोलर सिस्टम से जुड़ा सुरक्षा तंत्र पूरे घर की निगरानी कर रहा है।

इस योजना को नई ताकत दी है केंद्र और राज्य की डबल सब्सिडी ने। छत्तीसगढ़ में अब तक महासमुंद जिले के 550 घर आत्मनिर्भरता की मिसाल बन चुके हैं।

अमित बताते हैं – यह सिर्फ बिजली बचाने या बनाने की बात नहीं है, यह भविष्य को रोशन करने की क्रांति है। उपभोक्ता अब सिर्फ रोशनी नहीं, विकास के भी निर्माता बन चुके हैं।

सब्सिडी का लाभ इस प्रकार है:

1 किलोवाट: ₹30,000 (केंद्र) + ₹15,000 (राज्य) = ₹45,000

2 किलोवाट: ₹60,000 (केंद्र) + ₹30,000 (राज्य) = ₹90,000

3 किलोवाट: ₹78,000 (केंद्र) + ₹30,000 (राज्य) = ₹1,08,000

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