गंजबासौदा विस में किसके हाथ लगेगा कमल ?

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है, इसके लिए सभी पार्टियो व प्रत्याशियों का रण समर चालू हो गया सभी प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्र से टिकट पाने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं, ऐसे में सीएम के गृह जिले विदिशा की गंजबासौदा सीट के प्रत्याशी चयन पर सभी की नजर टिकी हुई है.
वैसे तो यह सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है परंतु पिछली बार 2013 विधानसभा चुनाव में भाजपा को यह सीट गंवानी पड़ी थी। बासौदा शहर में उस समय अपराध और नशे का कारोबार बहुत बढ़ गया था, जिनका खामियाजा तत्कालीन विधायक को भुगतना पड़ा था। यहां से कांग्रेस प्रत्याशी लगभग 17000 वोटों से विजय रहा था और भाजपा को शर्मनाक हार झेलनी पड़ी परंतु पार्टी इस बार फूंक फूंक कर कदम रख रही है वह कोई रिक्स नहीं लेना चाहती और इस के लिए बेदाग और स्वच्छ छवि वाले व्यक्ति को अपना प्रत्याशी चुनेगी.
ऐसे में इस क्षेत्र से कुछ नाम निकल कर आते हैं, जिन पर पार्टी अपना दाँव लगा सकती है जैसे सामान्य वर्ग से राजेश माथुर, ब्राह्मण प्रत्याशी के रूप में राजेश तिवारी, रघुवंशी समाज से कैलाश रघुवंशी, और इस बार सोशल इंजीनियरिंग कर रही भाजपा पिछड़ावर्ग ओबीसी समाज से लोधी जाति से संबंध रखने वाले संदीप सिंह डोंगर को अपना प्रत्याशी बना सकती है.
वैसे इस सीट पर अन्य एक दर्जन से अधिक लोग भाजपा के टिकट पर ताल ठोकने की तैयारी में लगे हुए है प्रमुखता से उनके नाम है, वर्तमान भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ राकेश जादौन पूर्व विधायक हरिसिंह रघुवंशी, देवेंद्र वर्मा, उमा खेमे से हरिसिंह राजपूत कक्का , मंडीअध्यक्ष नरेंद्रसिंह रघुवंशी गुड्डा, डॉ केके तिवारी ,संजय जैन टप्पू, प्रेमनारायण विश्वकर्मा ,गोविंद पटेल , समाजिक समरसता प्रनेता और लवकुश संस्था के संस्थापक ख़ूबसिंह लोधी , युवा व्यव्सायी विपिन जैन, महिला नेत्रियों में सुनीता भावसार और लीना जैन प्रमुखता से है.
लेकिन आइये हम यहां कुछ चुनिंदा प्रत्याशियों की बात करते हैं, कि अगर ये समीकरण बने तो कौन उपयुक्त कैंडिडेट भाजपा की तरफ से हो सकता है – :

1. राजेश माथुर
राजेश माथुर जो की एक जागीरदार परिवार से आते है और अपनी स्वच्छ ,साफ और मिलनसार छबि के लिए जाने जाते है। आपका परिवार शुरू से ही बासौदा के विकास के लिए जाना जाता है आपके पिताजी ने बासौदा में शासकीय कॉलेज के लिए जमीन दान दी और अन्य धार्मिक स्थलो के निर्माण के लिए व सामाजिक विकास, शहरी विकास आदि के लिए सहयोग दिया। इसी कड़ी को आपने भी आगे बढ़ाया और आप भी समय समय पर सामाजिक ,धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करते आ रहे है.
आप नगर में एक कुशल व्यवसायी ,संचालक , मिलनसार ,धार्मिक ,ईमानदार व्यक्ति के रूप में जाने जाते है । व्यवसायी वर्ग के साथ साथ आपकी युवाओ में भी अच्छी पकड़ है क्योकि आप समय समय पर उन से सम्बंधित कार्यक्रम व खेल गतविधियो का भी आयोजन कराते रहते है.
वही आप भाजपा के संगठन में भी गहरी पैठ रखते है और आज आप नगर की एक प्रसिद्ध शख्सियत है। पार्टी के बड़े बड़े कार्यक्रम का मैनेजमेंट करने में आप माहिर है । आप की मिलनसार व सहयोग की भावना के कारण आपकी सभी वर्गों के लोगो में अच्छी पकड़ है और आप क्षेत्र में अच्छे खासे लोकप्रिय व्यक्ति है साथ ही साथ पुराने जागीदार परिवार से होने के कारण आपकी क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में भी अच्छी पहुंच व पकड़ है.
यदि पार्टी आपको प्रत्याशी रूप में चुनती है तो आप बासौदा में जैन समाज के वोटो में भी सेंध लगाकर विधानसभा क्षेत्र को पुनः भाजपा का गढ़ बना सकते है ।
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2. राजेश तिवारी :-
इसी कड़ी में एक और नाम आता है राजेश तिवारी का जोकि नगर के प्रतिष्ठित ब्राह्मण परिवार से आते हैं और जिनका नगर और ग्रामीण क्षेत्र की राजनीति में अच्छा दखल है । आप वर्तमान में वि.हि.प. के राष्ट्रिय स्तर के मंत्री है और आपकी संघ में भी अच्छी खासी पकड़ है। संघ विचारक राजेश तिवारी समाजसेवी होने के साथ-साथ हिंदुत्व के भी घनघोर समर्थक माने जाते है.
ब्राह्मण बहुल क्षेत्र में ब्राह्मणों का वोट बैंक पर अच्छा खासा दखल है और लंबे अरसे से सशक्त राजनीतिक नेतृत्व ना मिलने से यह समाज भाजपा से नाराज चल रहा है। ऐसे में यदि संघ की पृष्ठभूमि वाले राजेश तिवारी को प्रत्याशी बनाया जाता है। तो यहां के राजनीतिक समीकरणों में आश्चर्यजनक रूप से बदलाव देखने को मिल सकते है। यदि यहां से भाजपा. इन्हें अपना प्रत्याशी घोषित करती है तो एक बार फिर से भाजपा इस सीट पर काबिज हो सकती है.

3. कैलाश रघुवंशी :-
इसी कड़ी में एक नाम कैलाश रघुवंशी का भी निकल कर आता है आप धार्मिक ,मृदुभाषी ,मिलनसार और इमानदार छवि वाले व्यक्ति है। जैसा कि हम सभी को ज्ञात है कि रघुवंशी समाज ने कई बार इस विधानसभा क्षेत्र से भाजपा व कांग्रेस के विधायक व मंत्री के रूप में नेतृत्व प्रदान किया है.
जिसके चलते यहां की राजनीति में इस समाज का अच्छा खासा दखल है, और यदि इस कड़ी में कोई नया नाम जुड़ता है तो वह कैलाश रघुवंशी का है , जो ग्यारसपुर क्षेत्र से आते है व वर्तमान में विदिशा जिले में रघुवंशी समाज के जिला अध्यक्ष पद पर है और साथ ही साथ आप जिला परिषद सदस्य भी हैं.
आपकी छवि इतनी बेदाग है कि ग्यारसपुर जिला पंचायत छेत्र में 20 प्रत्याशियों को हराकर यह सीट जीती थी जबकि वंहा रघुवंशी समाज के दो ही घर थे। ग्यारसपुर और हैदरगड क्षेत्र की जिला पंचायत क्षेत्र में जीतने के पीछे उनका प्रत्येक गाँव में 20 ट्यूबेल खनन का व्यवसाय रहा है जो कि लगभग संपूर्ण ज़िले में 10 वर्षों के नलकूप खनन का कार्य कर 225000 से अधिक नलकूप खोदे है तथा तीन वर्ष तक भोपाल संभाग में उक्त व्यवसाय में प्रथम रहे हैं जिसके कारण प्रत्येक ग्राम में सभी ग्रामवासियों से संपर्क रहा हैरघुवंशी समाज के जिला अध्यक्ष होने के कारण आपकी समाज व समाज के लोगों में अच्छी खासी पकड़ व पहुंच है.
आपके क्षेत्र के सभी सरपंच आपसे आंतरिक लगाव रखते है क्योंकि आप जिला पंचायत से मिलने वाली राशि को समानरूप से वितरित कर देते है जिसका उपयोग शिक्षा के क्षेत्र में किया जाता है।आप पैशे से Aक्लास कानट्रैक्टर है जिन्होंने बासोदा की लाइफ लाइन कही जाने वाली त्योंदा व बरेठ रोड सड़को का निर्माण किया है जो विगत 13 सालो से 40 टन वजन सहने के बाद भी टिकी हुई है, जो उनके गुणवत्ता पूर्वक किये श्रेष्ठतम कार्य को दर्शाती है.
यदि स्वच्छ ,साफ , बेदाग व धार्मिक छबि वाले कैलाश रघुवंशी को भाजपा यहां से अपना प्रत्याशी घोषित करती है तो एक बार पुनः यह सीट भाजपा की झोली में निश्चित रूप जा सकती है। इनको प्रत्याशी बनाने से भाजपा को अन्य जगह पर भी लाभ मिल सकता है।

4. संदीपसिंह डोंगर
इसी कड़ी में चुनाव की दिशा तय करने में समर्थ लोधी समाज से संदीपसिंह डोंगर का नाम भी निकल कर सामनेआता है। आप वर्तमान में जिला विदिशा में भाजपा जिला उपाध्यक्ष के पद पर है जिसके चलते आपकी जिले के कार्यकर्ताओं में गहरी पकड़ व पैठ है.
इसके साथ ही साथ आप एक निर्विवादित व युवा चेहरे के रूप में सामने आते है । कनारा क्रिकेट क्लब के माध्यम से आपने विदिशा जिले के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर तक पहचान दिलाई है और विदिशा जिले में खेलों के विकास के लिए काफी काम किया है । जो की उनकी लोकप्रियता में चार चांद लगाती है.
जहां तक राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात है तो आप पूर्व कोयला मंत्री और वर्तमान दमोह सांसद प्रहलाद पटेल के साले है। वहीं उनकी भाभी पूर्व में ग्यारसपुर क्षेत्र से जिला परिषद सदस्य रह चुकी हैं। राष्ट्रीय नेत्री उमा भारती की नाराजगी के चलते पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा था.
जिसका एक कारण लोधी समाज की नाराजगी भी बताया जाता है। यदि भाजपा यहां से आपको प्रत्याशी बनाती है, तो जहां एक और पार्टी को लोधी समर्थन मिलेगा वहीं दूसरी ओर सक्रिय कार्यकर्ता के प्रति आत्मविश्वास और युवा चेहरे का लाभ भी पार्टी को मिलेगा, संदीप सिंह डोंगर के भाजपा प्रत्याशी रहने पर निशंक जैन को सर्वाधिक नुकसान होगा क्योंकि लोधी समाज और कुशवाह समाज जो कांग्रेस की तरफ बढ़ी है वो भाजपा की तरफ लौट आएगी और पार्टी एक बार पुनः इस सीट पर अपनी वापसी आसानी से कर सकती है.